18वीं लोकसभा के स्पीकर के नाम पर अभी तक फ़ैसला नहीं हो पाया है. बीजेपी अपने सहयोगी दलों से इस पर बातचीत कर रही है.
वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि अगर स्पीकर उम्मीदवार JDU या TDP से होगा तो वह उसका समर्थन करेंगे.
इन सबके इतर आज हम आपको बताएंगे कि आखिर लोकसभा स्पीकर की सैलरी कितनी होती है और उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं.
लोकसभा का स्पीकर भी संसद का सदस्य होता है. 1954 के संसद अधिनियम के तहत लोकसभा स्पीकर को सैलरी और भत्तों के साथ पेंशन भी मिलती है.
इस अधिनियम में दिसंबर 2010 में संशोधन किया गया है और अब लोकसभा स्पीकर को 1 लाख रुपये सैलरी मिलती है.
उन्हें 70 हजार रुपये निर्वाचन भत्ता दिया जाता है. इसके अलावा उन्हें संसदीय सत्र और समितियों की बैठक में शामिल होने के लिए 2000 रुपये का दैनिक भत्ता भी मिलता है.
लोकसभा स्पीकर को इसके अलावा मिलने आए मेहमानों के सत्कार के लिए 2000 रुपये का सत्कार भत्ता भी मिलता है. स्पीकर और उनके परिवार को यात्रा भत्ता और चिकित्सा सुविधा भी दी जाती है.
लोकसभा स्पीकर को देश या विदेश की यात्रा के लिए यात्रा भत्ता भी दिया जाता है. उन्हें फ्री आवास, फ्री बिजली और फ्री फोन कॉल की सुविधा भी दी जाती है.
कार्यकाल पूरा होने के बाद लोकसभा स्पीकर को 20000 रुपये का मासिक पेंशन भी मिलता है और उन्हें 1500 रुपये का अतिरिक्त भत्ता भी दिया जाता है.