Jul 23, 2024, 01:41 PM IST

इस बीमारी की वजह से 4 बार UPSC क्रैक करने के बावजूद भी IAS नहीं बन पाया यह शख्स

Jaya Pandey

एक तरफ जहां पूजा खेडकर के दिव्यांगता कोटे के कथित दुरुपयोग का मामला चर्चा में है तो वहीं एक ऐसे दिव्यांग भी हैं जो 4 बार UPSC क्रैक करने के बावजूद भी अधिकारी नहीं बन पाए.

आज हम आपको कार्तिक कंसल की कहानी बताने जा रहे हैं जो ऑल इंडिया सेंट्रल रिक्रूटमेंट के माध्यम से फिलहाल इसरो में साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत हैं.

कार्तिक कंसल ने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. वह 14 साल की उम्र से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं.

चलने-फिरने में असमर्थ कार्तिक पूरी तरह से व्हीलचेयर पर निर्भर हैं लेकिन उन्होंने कभी विपरीत परिस्थितियों से हार नहीं मानी.

उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की सीएसई परीक्षा को साल 2019, 2021, 2022 और 2023 में 4 बार क्लियर करके रिकॉर्ड बनाया.

साल 2019 में उन्हें 813वीं, साल 2021 में 271वीं, साल 2022 में 784वीं और साल 2023 में उन्हें ऑल इंडिया 829वीं रैंक हासिल हुई लेकिन फिर भी वह अधिकारी नहीं बन पाए.

एम्स के मेडिकल बोर्ड ने पाया कि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की वजह से उनके दोनों हाथों और पैरों की मांसपेशियां कमजोर हैं और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी वाले व्यक्ति को IAS बनने योग्य नहीं माना जाता.