Sep 30, 2024, 02:30 PM IST

भारत की टॉप 7 Special Forces से मिलिए

Jaya Pandey

स्पेशल फोर्स या स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्स इंडियन आर्मी की वो इकाइयां हैं जिन्हें खास मिशनों के लिए तैयार किया गया है. 

भारतीय नौसेना ने 1987 में MARCOS को स्थापित किया था जिनका काम प्रत्यक्ष  कार्रवाई, जलस्थल युद्ध और आतंकवाद रोधी अभियान है. अपने कठोर प्रशिक्षण और मानसिक दृढ़ता के लिए जाने जाने वाले मार्कोस को दाढीवाला फौज भी कहा जाता है.

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड भारत की काउंटर टेररिज्म फोर्स है जिन्हें वीआईपी सुरक्षा, बुनियादी ढांचों के लिए खतरों को बेअसर करने का काम सौंपा गया है. इन्हें स्पेशल एक्शन ग्रुप और स्पेशल रेंजर्स ग्रुप में बांटा गया है.

साल 1966 में गठित पैरा स्पेशल फोर्स इंडियन आर्मी की विशिष्ट पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा है. ये कमांडों दुश्मनों के इलाकों में घुसकर गुप्त अभियान करने में माहिर हैं.

गरुड़ कमांडो फोर्स इंडियन एयरफोर्स का स्पेशल ऑपरेशन्स यूनिट है. इनकी ट्रेनिंग सबसे लंबी 3 साल की होती है. गरुड़ कमांडो वायुसेना के ठिकानों की सुरक्षा, बचाव अभियान चलाने और हवाई अभियानों में सहयोग के लिए जिम्मेदार होते हैं.

घातक फोर्स  इंडियन आर्मी की इन्फैंट्री प्लाटून है. इस फोर्स का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद विरोधी अभियान और सैन्य अभियान है. प्रत्येक बटालियन में एक घातक प्लाटून होती है, जो आतंकवाद-रोधी और उग्रवाद-रोधी अभियानों के लिए प्रशिक्षित होती है.

COBRA नक्सलवाद से निपटने के लिए सीआरपीएफ की एक विशेष इकाई है. इन्हें गुरिल्ला युद्ध में प्रशिक्षित किया गया है और इन्होंने नक्सली समूहों का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभाई है. इसकी स्थापना 2008 में हुई थी.

स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) का गठन 1962 में हुआ था. इसका गठन दुश्मन की सीमा के पीछे खासकर चीन के साथ संघर्ष में गुप्त अभियानों के लिए किया गया था. RAW के तहत काम करने वाला  SFF सीधे प्रधानमंत्री और सुरक्षा महानिदेशालय को रिपोर्ट करता है.