Oct 3, 2024, 02:25 PM IST

सफलता चूमेगी कदम, छात्र जरूर मानें चाणक्य की ये 7 बातें

Jaya Pandey

चाणक्य प्राचीन शिक्षक, लेखक, रणनीतिकार, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता और राजनीतिज्ञ थे. उन्होंने मौर्य समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

चाणक्य के जीवन के सबक इतिहास के पन्नों में गूंजते हैं और उनसे प्रेरणा लेकर स्टूडेंट्स अपने जीवन में बहुत आगे जा सकते हैं.

चाणक्य ने कहा था कि व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्म से महान बनता है. इसका मतलब है कि व्यक्ति का मूल उसके वंश से नहीं बल्कि कर्मों से निर्धारित होता है. 

चाणक्य ने ज्ञान और सीखने के महत्व पर बहुत जोर दिया. अपनी जिज्ञासा को बढ़ाकर और विविध अवधारणाओं की खोज से स्टूडेंट्स खुद को और समृद्ध कर सकते हैं. विभिन्न विषयों की अपनी समझ को व्यापक बनाकर छात्र अपने सीखने के अनुभवों को और गहरा कर सकते हैं.

चाणक्य को उनके असाधारण नेतृत्व गुणों के लिए जाना जाता है. आज की तेज रफ्तार दुनिया में मजबूत नेतृत्व कौशल विकसित करना बहुत जरूरी है. बचपन से ही अगर यह गुण विकसित हो जाए तो शिक्षा के साथ करियर में भी यह बहुत काम आता है.

चाणक्य रणनीतिक सोच को महत्व देते थे. छात्रों को अपने विचारों को रणनीतिक रूप से व्यवस्थित करना सीखना चाहिए क्योंकि यह कौशल शैक्षणिक सफलता और व्यक्तिगत विकास के लिए बहुत जरूरी है.

कौटिल्य की सीख विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए लचीलेपन के महत्व पर जोर देती है और बदलाव के प्रति लचीला और संवेदनशील बने रहने की जरूरत पर प्रकाश डालती है.

चाणक्य ने कहा था कि जैसे ही भय आपके करीब आए उसपर हमला करें और नष्ट कर दें.  उनकी यह सीख भय का सामना करने के महत्व को रेखांकित करती है.

चाणक्य ने जोर देकर कहा था कि सामूहिक प्रयास से बड़ी उपलब्धियां भी हासिल की जा सकती हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि एकता और टीमवर्क से बाधाओं को दूर किया जा सकता है.