Aug 24, 2023, 07:04 PM IST
खानपान की गलत आदत बिना वर्कआउट वाली दिनचर्या हमारे शरीर में बीमारियों की वजह बनता है. इसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल से लेकर यूरिक एसिड जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
आयुर्वेद में बताई गई इन जड़ी बूटियों से आपके जोड़ों में होने वाला दर्द, सूजन और किडनी में पथरी, गठिया और गाउट की समस्या खत्म हो जाती है.
अगर आपका भी यूरिक एसिड हाई रहता है और जोड़ों में दर्द, सूजन और गठिया की समस्या बन गई है तो परेशान न हो. आयुर्वेद जड़ी बूटियों में शामिल मकोए का सेवन करें. मकोए का पौधा होता है. इसमें हरे रंग के फल लगते हैं. पकने के बाद ये पीले और नारंगी हो जाते हैं. इनकी पत्तियों का रस निकालकर पीने से यूरिक एसिड कंट्रोल में आ जाता है. इस फल की सब्जी भी खा सकते हैं.
आयुर्वेद में दवाई का काम करने वाला पुनरनवा के पौधे को पत्थर चट्टा भी कहा जाता है. हाई यूरिक एसिड के मरीजों के लिए यह पौधा किसी संजीवनी से कम नहीं है. इसकी पत्तियों को पकाकर खाने से यूरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल में किया जा सकता है. इन पत्तियों को खाते ही जोड़ों में होने वाली दर्द, सूजन खत्म हो जाती हे. यह यूरिक एसिड को फ्लश आउट कर देता है.
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए अलसी के बीजों का सेवन बेहद फायदेमंद है. अगर आपको यूरिक एसिड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो खाना खाने के बाद अलसी के बीजों को चबाकर खाएं. इसे हाई यूरिक एसिड भी आसानी से कंट्रोल में आ जाता है. इसकी वजह से होने वाली समस्या भी कम होती है. इसके बीजों का इस्तेमाल पाउडर और तेल को फॉर्म में भी किया जा सकता है.
यूरिक एसिड को कम करने में सेब का सिरका बेहद फायदेमंद है. इसका सेवन करने से ही शरीर का पीएच का लेवल बढ़ने लगता है. इसे ब्लड फ्लो भी नियमित होने लगता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी सेब का सिरका किसी रामबाण इलाज से कम नहीं है.इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंटस और एंटी इंफ्लामेंटरी गुण यूरिक एसिड को कंट्रोल कर देते हैं. यह टॉकसिंस को दूर कर देता है.