Jul 23, 2023, 01:19 PM IST
मानसून आते ही गर्मी से राहत मिलने के साथ ही कई तरह के इंफेक्शन और बैक्टीरियों का खतरा बढ़ जाता है. बरसात के बीच स्किन से लेकर पेट की कई गंभीर समस्याएं घेर लेती हैं.
नीम के फल यानी निंबोलियों, पत्ते, टहनियां, छाल, बीज, जड़ सभी को आयुर्वेद में दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी वजह नीम का गुणों से भरपूर होना है.
मानसून में नीम की निंबोलियां खाना बहुत ही फायदेमंद होता है. इनका सेवन करने या फिर नीम के पत्तों से नहाने से बैक्टीरिया और इंफेक्शन दूर हो जाता है. इसकी वजह नीम का एंटीबैक्टेरियल गुणों से भरपूर होना है.
नीम की निंबोलियां खाने या फिर नीम के पत्तों से नहाने पर ही भारी से भारी घाव जल्द से जल्द ठीक होने लगता है. यह घाव वाले स्थान में बैक्टीरिया को घुसने से रोकता है.
अगर आप अपनी स्किन के लिए किसी एंटी एंजिंग फूड को ढूंढ रहे हैं तो निंबोली से बेहतर कोई नहीं मिल सकता. यह आपकी स्किन एलर्जी, खुजली या रेडनेस को कम करने के साथ ही एंटी एंजिग इफेक्ट्स देती है.
अगर सोरायसिस या स्किन एक्जिमा जैसी समस्या है तो इसमें नीम की निंबोलियां किसी रामबाण इलाज से कम नहीं है. यह बहुत ही लाभदायक होती हैं. इनका सेवन स्किन को अंदर से पोषण देता है. साथ ही खून को साफ करती है.