Jul 1, 2023, 01:54 PM IST

मानसून में बढ़ जाता है इन 5 बीमारियों का खतरा, दिखते हैं ये लक्षण

Nitin Sharma

मानसून गर्मी से राहत दिलाने के साथ ही कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा देता है.

मानसून में बारिश का पानी भरने की वजह से लार्वा पैदा होने लगता है. यह मच्छर डेंगू, चिकगुनिया, टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों का पैदा करता है.

बरसात के मौसम में स्किन इंफेक्शन तेजी से फैलता है. फोड़े फुंसी के साथ ही दाद, फंगल इंफेक्शन, लाल दाने, खुजली की समस्या होने लगती है. ये त्वचा संबंधित बीमारियां एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल जाती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए इसका इलाज समय रहते करा लें.

बारिश के मौसम में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है. इसकी वजह से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के मरीजों की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. वहीं इस बीमारी की चपेट में बच्चों के आने का खतरा रहता है. ऐसे में लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ होती है.  

बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा खतरा डेंगू, मलेरिया का होता है. बारिश से होने वाले जलभराव में मच्छरों का लार्वा पनपने लगता है. इसके बाद मच्छर लोगों को काटकर संक्रमण फैलाते हैं. माॅनसून में इन बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती है. ये दोनों ही बीमारियां बेहद घातक होती हैं. समय पर इलाज नहीं कराया गया तो जान तक जा सकती है.

मानसून के मौसम में टाइफाइड के मरीजों की संख्या अचानक से बढ़ जाती है. टाइफाइड ज्यादातर बच्चों को अपनी चपेट में लेता है. यह बीमारी संक्रमित खाने या पानी की वजह से हो सकती है. इसके शुरुआत लक्षण भी वायरल की तरह होते हैं, लेकिन टाइफाइड शरीर की ताकत को खत्म कर देता है. 

गर्मी के बाद अचानक से बारिश और तापमान में गिरावट वायरल इंफेक्शन की बड़ी वजह बनता है. यह इंफेक्शन बैक्टीरिया के चलते होता है. इसी की वजह से लोग फ्लू और वायरल की चपेट में आते हैं. इस बचने के लिए बारिश में मौसम में खास ध्यान रखें.