Blurred Vision: इन 8 बीमारियों का गंभीर संकेत है धुंधला दिखना
Ritu Singh
कई बार धुंधला दिखना केवल आंखों के कमजोर होने की निशानी नहीं होता है, ये 8 बीमारियों का भी संकेत है.
आंखों में खिंचाव धुंधलेपन का कारण हो सकता है. कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन आदि की स्क्रीन पर ज्यादा देर तक देखने या रात में या कम रोशनी में ड्राइविंग या पढ़ने से भी आंखों में खिंचाव होता है.
माइग्रेन की वजह से आंखों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसकी वजह से भी कई बार धुंधला दिखता है, लेकिन ये दर्द ठीक होने के साथ ठीक हो जाता है.
हाई या लो ब्लड प्रेशर की वजह से भी आखों की दिक्कत होती है. आंखों का धुंधला दिखना बीपी के कम या ज्यादा होने का एक लक्षण हेाता है.
आईरिस आंखों के रंगीन हिस्से को कहते हैं, ऑटोइम्यूनरिएक्शन या आंखों से जुड़े संक्रमण की वजह से आईरिस में सूजन आ जाती है. ऐसी स्थिति में फोटोफोबिया या लाइट से दिक्कत होती है. इसकी वजह से धुंधला दिखता है.
स्ट्रोक की वजह से दोनों आंखों की रोशनी या नज़र ख़राब हो सकती है. धुंधलेपन के साथ अगर बोलने में दिक्कत, सिर चकराने या एक हाथ का सुन्न होना या कमजोरी होने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
डायबिटीज की वजह से भी आंखें कमजोर हो सकती हैं. टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में धुंधलापन दिखने की समस्या काफी होती है. क्योंकि डायबिटीज की वजह रेटिनोपैथी की समस्या होती है.
इंफेक्शन की वजह से भी नजर कमजोर हो सकती है या धुंधला दिखने समस्या होती है. आंखों के संक्रमण में कॉर्निया को नुकसान पहुंचता है. आंखों के संक्रमण की वजह आंखों में चोट लगना, या फिर लेंस भी हो सकता है.
थायरॉयड में भी ग्लूकोमा की समस्या होती है. ग्लूकोमा आंख से जुड़ी बीमारी में जिसमें आंखों की रौशनी पर प्रभाव पड़ता है. इस बीमारी की शुरुआत में भी धुंधलापन नजर आता है.