विटामिन बी-12 पानी में घुलनशील होता है और आंतों में अवशोषित हो जाता है. अवशोषित होने के बाद, इसका उपयोग डीएनए और लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए किया जाता है.
हर किसी को विटामिन बी-12 की आवश्यकता होती है और अधिकांश लोगों को यह पर्याप्त मात्रा उनके आहार से मिलती है. हालांकि, यह जानना जरूरी है कि कई बार लोग इस विटामिन का सप्लीमेंट लेने लगते हैं और इससे शरीर में इसकी मात्रा अचानक बढ़ जाती है.
विटामिन बी-12 के अधिक होने से भी शरीर को कई नुकसान होते हैं. जिस विटामिन बी-12 का उपयोग नहीं किया जा रहा है वह लीवर में जमा हो जाता है. लेकिन यदि आप पूरक लेते हैं, तो आप अपने शरीर की आवश्यकता से अधिक खा सकते हैं.
विटामिन बी-12 की अधिकता से : दस्त, खुजली, शरीर पर लाल चकत्ते, सिरदर्द, चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी के साथ ही फुफ्फुसीय एडिमा और कंजेस्टिव हृदय विफलता के साथ ही वेन थ्रॉम्बॉसिस और सूजन होने लगती है.
लंबे समय तक इसकी अधिकता का होना पॉलीसिथेमिया वेरा (दुर्लभ, धीमी गति से बढ़ने वाला रक्त कैंसर)का कारण भी बन सकता है.
विटामिन बी-12 बहुत दुर्लभ लेकिन गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं ( एनाफिलेक्सिस ) का कारण बन सकता है. इसमें चेहरे, जीभ और गले की सूजन और निगलने और सांस लेने में कठिनाई शामिल है. यदि विटामिन बी-12 लेने के बाद ऐसा होता है, तो तुरंत आपातकालीन चिकित्सकीय मदद लेनी चाहिए.
राष्ट्रीय आहार अनुपूरक स्वास्थ्य संस्थान ने विटामिन बी12 की निम्नलिखित खुराक तय की है.
- 14 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लिए प्रतिदिन 2.4 माइक्रोग्राम (एमसीजी).
- गर्भवती महिलाओं के लिए प्रतिदिन 2.6 एमसीजी - स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए प्रतिदिन 2.8 एमसीजी