अगर आप फेयरनेस क्रिम लगाकर आपने स्किन को गोरा करने की कोशिश कर रहे हैं तो इसे तुरंत बंद कर दें.
केवल इसलिए नहीं कि ये फेयरनेस क्रीम आपके स्किन को डैमेज कर कैंसर के खतरे देती है बल्कि इसके लिए भी की आपके स्किन की डार्कनेस की वजह कुछ खास विटामिन की कमी का संकेत होता है.
विटामिन बी12, विटामिन सी और विटामिन ई की कमी से संबंधित हाइपरपिग्मेंटेशन गहरे रंग की त्वचा वाले रोगियों में अधिक आम है. हाइपरपिग्मेंटेशन का तंत्र मेलेनिन में दोष के बजाय बढ़े हुए मेलेनिन संश्लेषण के कारण होता है.
हाइपरपिगमेंटेशन को कम करने में विटामिन ई सबसे प्रभावी है. विटामिन ई आपकी त्वचा को लचीला, स्वस्थ बनाता है, किसी भी क्षति से बचाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट, सूजन-रोधी और यूवी क्षति से सुरक्षा होती है.
विटामिन सी टायरोसिनेस को नष्ट कर देता है, एक एंजाइम जो विटामिन सी उत्पादन में सहायता करता है, इसलिए यह आपकी त्वचा को काला नहीं करता है. लेकिन इस विटामिन की कमी से आपका स्किस काला हो सकता है.
फोलिक एसिड विटामिन के बी कॉम्प्लेक्स का एक हिस्सा है और विटामिन बी12 की कमी से त्वचा का अप्राकृतिक कालापन और यहां हाइपरपिग्मेंटेशन तक भी होता है इसलिए जरूरी हैं कि आप विटामिन बी, सी और ई की कमी को शरीर में पूरा करें और आपकी स्किन खुद ब खुद साफ होने लगेगी.
साथ ही स्किन को कालेपन से बचाने के लिए सीधी धूप से बचें. सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के पीक आवर्स के दौरान धूप से दूर रहने की कोशिश करें.एसपीएफ़ लगाएं और अपनी स्किन को छूना कम करें.