May 21, 2023, 02:50 PM IST

 35 के बाद हर 6 महीने पर करवाएं ये 10 टेस्ट, नहीं होगी असमय मौत

Ritu Singh

कंपलीट ब्लड काउंट-इससे संक्रमण, एनीमिया और ब्लड डिस्ऑर्डर जैसी परेशानियों का पता लगाया जा सकता है। सीबीसी टेस्ट के जरिए महिलाएं प्रेग्नेंसी और डिलेवरी के दौरान इंफेक्शन और ब्लड लॉस से बच सकती हैं.

बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट- इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा टल सकता है.एस्ट्रोजन लेवल और कैल्शियम कम होने हड्डियां झड़ने लगती हैं. इससे ठोकर लगने से भी फैक्चर का खतरा रहता है.

एलर्जी टेस्ट-पुरुषों और महिलाओं दोनों में एलर्जी को डायग्नोस करने के लिए एलर्जेन-स्पेसिफिक आईजीई (Allergen-Specific IEG) टेस्ट बेहद जरूरी है. ये अस्थमा, बोंक्राटिस ही नहीं शरीर में किसी भी छुपी एलर्जी का पता बता देगी.

मैमोग्राम-डॉक्टर्स भी हर महिला को इसकी नियमित स्क्रीनिंग से गुजरने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे ब्रेस्ट कैसर का समय रहते पता चल जाता है, 40 या उससे अधिक उम्र वालों को हर साल मैमोग्राम जांच कराना चाहिए.

पैप स्मीयर टेस्ट- सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास नियमित रूप से जांच करवाते रहना चाहिए,

विटामिन डी टेस्ट- ये हार्ट अटैक से लेकर डायबिटीज और डिप्रेशन से लेकर हड्डियों तक के लिए जरूरी. इसकी कमी से कैंसर तक हो सकता है. 

कोलेस्ट्रॉल-समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाते रहना आपको हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे से बचाएगा.  

थायरॉयड- थायरॉयड ग्लैंड के फंक्शन्स की समय रहते जांच की जानी जरूरी है. अचानक वजन बढ़ना या वजन कम होना थायरॉयड के भी संकेत है. ये कई गंभीर बीमारियों का खतरा होता है.

डायबिटीज- डायबिटीज को डायग्नोस करने के लिए ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं, जैसे कि फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज (FPG) टेस्ट, ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (OGTT) और ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) टेस्ट करवा सकते हैं.