डिनर में कितना सॉल्ट लें, चुटकी भर नमक से बच सकती हैं 300,000 जानें
Meena Prajapati
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक (सोडियम) खाने की सलाह देता है.
यूएन हेल्थ बॉडी द्वारा हाल ही में किए गए एक मॉडलिंग अध्ययन में कहा गया था कि अगर भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन के सोडियम बेंचमार्क का अनुपालन करता है, तो 10 वर्षों में हृदय रोग और क्रोनिक किडनी रोग से होने वाली अनुमानित 300,000 मौतों को टाला जा सकता है.
भारत में एक व्यक्ति प्रतिदिन लगभग 11 ग्राम नमक का सेवन करता है, जो हार्ट और गुर्दे की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है.
भारत में नमक केवल खाने में ही नहीं बल्कि पैकेज्ड फूड के जरिए भी खूब खाया जाता है.
पैकेज्ड खाद्य पदार्थ पहले से ही हाई इनकम वाले देशों में सोडियम सेवन का प्रमुख स्रोत हैं, और लो और मीडियम इनकम वाले देशों में यह तेजी से बढ़ रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2011 और 2021 के बीच नमकीन स्नैक्स की बिक्री 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई और रेडी-टू-ईट उत्पादों का बाजार 2019 में INR 32 बिलियन से लगभग तीन गुना बढ़कर 2025 में INR 94 बिलियन हो जाएगा.
द लैंसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, कम नमक खाने से 1.7 मिलियन हृदय रोग और 700,000 नए किडनी रोग रोके जा सकते हैं.
WHO के अनुसार, हाई सोडियम इनटेक वर्तमान में वैश्विक स्तर पर मृत्यु और विकलांगता का प्रमुख डायटरी रिस्क है.
इसलिए, WHO पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में सोडियम को कम करने के लिए बेंचमार्क तय करके आबादी के सोडियम इनटेक को कम करने की सिफारिश करता है.