Jan 15, 2024, 09:45 AM IST
फल सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं, इनमें शामिल केला, सेब, संतरा, आम और अंगूर जैसे फल शामिल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और कई बीमारियों में दवा का काम करते हैं.
लेकिन, आज हम आपको कुछ ऐसे पहाड़ी फल के बारे में बता रहे हैं, जिनका इस्तेमाल सालों से आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है. आइए जानते हैं इन फलों के बारे में..
घिंगारु जिसे गढ़वाली में घिंघरु और नेपाली में घंगारू के नाम से जाना जाता है. यह एक ऐसा औषधीय पौधा है, जो मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को सुचारू करने में सक्षम है, जिससे स्मरण शक्ति को बढ़ावा मिलता है और यह खूनी दस्त रोकने में बेहद असरदार माना जाता है.
उत्तराखंड की पहाड़ी वादियों में हिसालू भी मिल जाएगा और यह बुखार, पेट दर्द, खांसी एवं गले के दर्द में बड़ा ही फायदेमंद होता है. इतना ही नहीं यह किडनी के मरीजों के लिए दवा का काम करता है.
वहीं काफल एक छोटे आकार का बेरी जैसा फल है, जो गोल और लाल, गुलाबी रंग का होता है. काफल पेट की बीामरियों का रामबाण माना जाता है और पेट से जुड़ी कई बीमारियों के इलाज के लिए फायदेमंद माना जाता है.
पहाड़ी नींबू जिसे कुमाऊं में चूख के नाम से भी जाना जाता है और यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ पेट, हार्ट और त्वचा संबंधी बीमारियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
बता दें कि माल्टा नींबू प्रजाति का एक खुशबूदार एंटी ऑक्सीडेंट और शक्तिवर्धक फल है और इसके सेवन से त्वचा चमकदार रहती है और दिल भी दुरुस्त रहता है. इससे बाल मजबूत होते हैं और गुर्दे की पथरी दूर होती है.