पीले रंग की हल्दी किचन में रखें जरूरी मसालों में से एक है. इसके बिना खाने से लेकर पूजा तक अधूरी है.
हल्दी का इस्तेमाल मुख्य रूप से खाना बनाने से लेकर पूजा अर्चना और दवाईयों में भी किया जाता है.
इसमें मिलने वाला करक्यूमिन नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो इसे सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदान करता है.
हल्दी एक या दो नहीं बल्कि 6 से भी ज्यादा बीमारियों में दवा का काम करती है.
अगर आप टाइप टू डायबिटीज के मरीज हैं तो हल्दी की फंकी ले सकते हैं. इसमें मौजूद करक्यूमिन साइटोकिंस को काफी कम कर देता है. इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है.
अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं तो हल्दी का सेवन गुड़ कोलेस्ट्रॉल को बूस्ट कर बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर कर देता है. यह दिल के लिए बेहद फायदेमंद मसालों में से एक है.
स्ट्रेस या टेंशन से परेशान हैं तो हल्दी को डाइट में शामिल कर लें. यह तनाव को कम कर नसों को रिलेक्स करती है.
शरीर में आ रही सूजन में हल्दी की फंकी या लेप करना रामबाण साबित होता है. इसमें मौजूद करक्यूमिन सूजन को रोकता है. यह ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है.
कैंसर बेहद घातक बीमारियों में से एक है. इस बीमारी के होने पर कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और फैलने लगती हैं. ऐसे में हल्दी में मिलने वाला करक्यूमिन कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है.
हाई यूरिक एसिड की वजह से गठिया और जोड़ों के सूजन में भी हल्दी का सेवन दवा का काम करता है. क्रिस्टल्स को तोड़कर गठिया, दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)