Jun 24, 2024, 08:47 PM IST

खुद को तीस मार खां समझने वाले ये मुगल बादशाह थे जोरू के गुलाम

Smita Mugdha

मुगल बादशाहों में से ज्यादातर अपनी क्रूरताओं की वजह से भी इतिहास में दर्ज किए गए हैं. 

मुगलों के हरम में ज्यादातर महिलाओं और बेगमों के लिए बेहद सख्त कानून हुआ करते थे. 

हालांकि, कुछ मुगल बादशाह ऐसे थे जिनके ऊपर अपनी बेगमों का काफी असर था. इनमें से कुछ ने तो अपनी रानियों को राजकाज की जिम्मेदारी भी दी थी. 

इन बादशाहों को आज के जमाने में जोरू का गुलाम भी कहा जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसे बादशाहों के बारे में. 

हुमायूं के ऊपर अपनी बेगम का काफी असर था. वह राजकाज से लेकर दरबार के रोजमर्रा के कामों में भी हमीदा बेगम से सलाह लेता था.

अकबर के ऊपर भी अपनी रानियों का प्रभाव था और वह बड़े फैसले खास तौर पर सामाजिक जीवन से जुड़े मुद्दों पर जोधाबाई की राय जरूर लेते थे.

मुगल सल्तनत की सबसे ताकतवर रानी नूरजहां तो सीधे तौर पर दरबार में बैठती थीं और वही बड़े निर्णय लेती थीं.

शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल के लिए ताजमहल बनाया था. शाहजहां अपनी रानियों से ही नहीं बल्कि अपनी बेटी जहां आरा से भी मशवरे लेता था.

इतना स्पष्ट है कि कुल मुगल बादशाहों के जीवन और राजकाज पर हमेशा ही किसी न किसी महिला का अहम प्रभाव रहा था.