Nov 9, 2023, 11:30 PM IST

दक्षिण भारत के भव्य मंदिरों के बारे में ये 5 बातें नहीं जानते होंगे आप

DNA WEB DESK

भारत में कई बेहद खूबसूरत मंदिर हैं जिससे लोगों की आस्था तो जुड़ी ही है, वे अपनी स्थापत्य शैली की वजह से भी प्रसिद्ध हैं.

उत्तर भारत के मंदिरों की बात करें तो ये मंदिर नागर शैली में बने होते हैं जिनकी ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़ती जाती है. 

उत्तर भारत में नागर शैली में बने मंदिरों के गर्भगृह के ऊपर एक रेखीय शिखर होता है और नागर शैली में शिखर अपनी ऊंचाई के क्रम में ऊपर की ओर पतला होता है. 

इसी तरह से दक्षिण भारतीय मंदिरों की अपनी विशेषता होती है, तो जानें इन मंदिरों की 5 सबसे खास बातें कौन सी हैं. 

दक्षिण भारत में अधिकांश मंदिर गोपुरम अत्यधिक अलंकृत होते हैं और आकृतियों से भरे हुए होते हैं. 

दक्षिण भारत के ज्यादातर मंदिर द्रविड़ शैली से बने होते हैं और इनकी खूबसूरती और स्थापत्य कला देखने लायक होती है. 

इस शैली से बने मंदिर की मूल आकृतियां पांच प्रकार की होती हैं जिसमें वर्गाकार, आयताकार, अंडाकार, वृत्त और अष्टास्र शामिल हैं.

कृष्णा नदी से लेकर कन्याकुमारी तक ज्यादातर मंदिर द्रविड़ शैली के हैं। इस शैली में मंदिरों की स्थापना 8वीं शताब्दी में हुई और 18वीं सदी तक प्रभाव रहा. 

द्रविड़ शैली के प्रमुख मंदिर मदुरै का मीनाक्षी मंदिर, तमिलनाडु का रामेश्वरम मंदिर शामिल हैं. इन्हें देखने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं.