Nov 9, 2023, 10:40 PM IST
गुणों की खान महावीर अर्जुन का घमंड बना दुश्मन, स्वर्ग के रास्ते में यूं बना रोड़ा
DNA WEB DESK
अर्जुन कौरव और पांडव दोनों ही पक्ष के सबसे बड़े योद्धा थे और उन्होंने कभी राजपाट के लिए छल-कपट का सहारा नहीं लिया था.
युद्ध के बाद पांडवों को राजपाट को लेकर विरक्ति हो गई थी और सब कुछ छोड़कर पांचों भाई द्रौपदी के साथ स्वर्ग के लिए प्रस्थान कर गए थे.
स्वर्ग के इस रास्ते में सबसे पहले द्रौपदी और फिर एक-एक कर सारे पांडव छूटते गए और सिर्फ युधिष्ठिर ही आखिरी में स्वर्ग पहुंचे थे.
पांडवों के स्वर्ग तक नहीं पहुंचने की वजह यह थी कि सभी भाइयों और द्रौपदी को किसी न किसी मानवीय दोष से युक्त बताया गया था.
अर्जुन परमवीर योद्धा थे और उन्होंने कौरवों को भी अपना भाई समझा था. दुर्योधन की दुष्टता के बाद भी कौरव पक्ष के भाइयों की मौत से दुखी थे.
परमवीर होने और क्षत्रिय धर्म का पालन करने के बाद भी अर्जुन स्वर्ग नहीं जा सके थे, इसकी वजह उनका एक दोष था.
युधिष्ठिर ने बताया कि अर्जुन में अपने युद्ध कौशल को लेकर अभिमान था और उन्होंने एक ही दिन में सबको खत्म करने का ऐलान किया था.
अर्जुन को अहंकार और आत्ममुग्धता का दोषी पाया गया और इस दुर्गुण की वजह से वह स्वर्ग तक सीधे नहीं जा सके थे.
इसके अलावा, अपनी सभी पत्नियों का अर्जुन ने मान रखा था लेकिन वह द्रौपदी को सबसे ज्यादा प्रेम करते थे और इसका दोषी भी उन्हें माना गया.
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