Jun 24, 2023, 09:57 AM IST

इस राजा ने 3 दिन गुलाम बनाकर रखे थे दिल्ली के मुगल

Kuldeep Panwar

वीर शिवाजी के बाद एक और मराठा था, जिसके नाम से ही मुगल बादशाह कांप जाते थे.

मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम ने अटक से कटक तक केसरिया झंडे की सत्ता कायम की थी.

बाजीराव प्रथम की लाइफ पर ही संजय लीला भंसाली ने बाजीराव-मस्तानी फिल्म बनाई थी.

इस फिल्म में उनके सैन्य पक्ष से ज्यादा प्रेम कहानी पर फोकस किया था निर्देशक ने.

बाजीराव प्रथम ने महज 20 साल की उम्र में दिल्ली में मुगलों को 3 दिन बंधक बनाकर रखा था.

औरंगजेब का पोता व 12वां मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीला डरकर लाल किले में ही छिप गया था.

इस हमले के लिए 500 घोड़ों के साथ बाजीराव ने पुणे के शनिवार वाड़ा से 48 घंटे में दिल्ली तक का 10 दिन का सफर तय किया था.

बाजीराव के इन 500 लड़ाकों ने 28 मार्च, 1937 को मीर हसन कोका के 10 हजार सैनिकों को हराया था.

बाजीराव ने इसके बाद मुगल बादशाह को दिल्ली में अपना प्रतिनिधि घोषित किया और वापस लौट आया.

पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट ने 41 लड़ाइयां लड़ी थीं और पूरे जीवन में कोई लड़ाई नहीं हारी थी.

बाजीराव की बिजली की गति वाली आक्रमण शैली के फैन ब्रिटिश कमांडर जनरल मांटगोमरी भी थे.

मांटगोमरी की बुक हिस्ट्री ऑफ वॉरफेयर में इसका जिक्र है, जो ब्रिटिश डिफेंस स्टडीज के कोर्स में है.

मांटगोमरी ने सेकंड वर्ल्ड वॉर में इस शैली को अपनाया था, जिसे उन्होंने ब्लिट्जक्रिग नाम दिया था.