May 21, 2024, 07:52 PM IST

अफ्रीकी गुलाम की बेटी थी यह तवायफ, जान छिड़कता था पूरा अवध

Smita Mugdha

अवध का इलाका आजादी से पहले अपनी खास तरह की तहजीब और कलाओं के केंद्र के तौर पर जाना जाता था. 

अवध की सबसे नामचीन तवायफों में से एक थीं बेगम हजरत महल, जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया था. 

बेगम हजरत महल की खूबसूरती और कला को देखकर अवध के नवाब वाजिद अली शाह ने उन्हें अपनी पत्नी बनाया और बेगम हजरत महल नाम दिया था. 

हालांकि, 1850 में जब नवाब को अंग्रेजों ने लखनऊ सो निकालकर कोलकाता भेजा, तो उन्होंने बेगम हजरत महल को तलाक दे दिया था. 

बहुत कम लोग ही जानते हैं कि बेगम हजरत महल के पिता अंबर एक अफ्रीकी ग़ुलाम थे, जिन्होंने उनकी मां महेर अफजा से कभी शादी नहीं की थी. 

बेगम हजरत महल का बचपन काफी संघर्ष और सामाजिक अपमान को झेलते हुए बीता था. 

उन्होंने लखनऊ के परीखाना संगीत स्कूल से संगीत की तालीम ली थी और यहीं उन्होंने शायरी भी सीखी.

वाजिद अली के लखनऊ छोड़ने के बाद बेगम ने राजकाज में हिस्सा लेना शुरू किया और 1857 के विद्रोह में उन्होंने नेतृत्व भी किया था

1857 का विद्रोह असफल होने के बाद बेगम हजरत महल अपने चुनिंदा समर्थकों और बेटे के साथ नेपाल चली गईं और आखिरी सांस तक वही रहीं.