Aug 23, 2023, 11:42 PM IST

चंद्रयान-3 की लैंडिंग 23 अगस्त को ही क्यों हुई, ये है गणित

Kuldeep Panwar

भारत के चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चांद की धरती पर कदम रखकर इतिहास रच चुका है.

भारत चांद पर कदम रखने वाला दुनिया का चौथा, लेकिन दक्षिणी हिस्से में उतरने वाला पहला देश बन गया है.

लैंडर विक्रम ने चांद पर उतरने का यह कारनामा बुधवार यानी 23 अगस्त की शाम 6.04 बजे किया है.

अब लैंडर के अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर के पास चांद की सतह की रिसर्च करने के लिए 14 दिन का समय है.

क्या आप जानते हैं लैंडिंग की तारीख 23 अगस्त ही क्यों रखी गई? इसके पीछे ज्योतिष नहीं MATH एक कारण था.

दरअसल इसरो ने प्रज्ञान रोवर में सोलर पैनल लगाए हैं, जिनकी मदद से रोवर को चलाने वाली बैटरी चार्ज होगी.

23 अगस्त को लैंड करने से इसरो को रोवर की चार्जिंग के लिए अब अगले 14 दिन तक सूरज की रोशनी मिल पाएगी.

चांद पर 14 दिन तक दिन रहता है और फिर 14 दिन रात रहती है यानी धरती के 14 दिन चांद के एक दिन के बराबर हैं.

चांद पर रात के 14 दिन 22 अगस्त को खत्म हो गए हैं. अब दक्षिणी ध्रुव पर भी 5 सितंबर तक सूरज की रोशनी रहेगी.

इससे प्रज्ञान रोवर लगातार चार्ज होगा और 14 दिन तक बिना रुके काम करेगा. अंधेरा होने पर यह संभव नहीं होगा.

इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने लैंडर विक्रम की चांद पर सफल लैंडिंग की घोषणा करते समय 14 दिन अहम बताए हैं.