Jul 11, 2023, 06:57 PM IST
दिल्ली का वो ऐतिहासिक पुल, जिसकी बारिश के समय जरूर आती है फोटो
Kuldeep Panwar
दिल्ली में कई दिन से जोरदार बारिश हो रही है. हर तरफ पानी ही पानी भरा हुआ दिख रहा है.
ऐसे में एक ऐतिहासिक पुल फिर से चर्चा में है. ये पुल है मिन्टो ब्रिज यानी शिवाजी ब्रिज.
मिन्टो ब्रिज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को कनॉट प्लेस से जोड़ने वाली मिन्टो रोड पर बना रेलवे पुल है.
यह पुल 1905 से 1910 तक ब्रिटिश वायसराय रहे लॉर्ड मिन्टो के नाम पर 1933 में बना था.
90 साल पुराने इस पुल का नाम अब बदलकर छत्रपति शिवाजी के नाम पर कर दिया गया है.
मिन्टो ब्रिज के नीचे ही कभी हिंदी के दो मशहूर लेखक भीष्म साहनी व विष्णु प्रभाकर साहित्यिक बहस करते थे.
लाल ईंटों का यह पुल हर बारिश के सीजन में बस डूबने की फोटो के कारण चर्चा में रहता है.
साल 2020 में तो यहां बस के पानी में फंसने के कारण एक आदमी की डूबने से मौत भी हो गई थी.
यदि आप सोच रहे हैं कि मिन्टो ब्रिज के नीचे पानी भरने की समस्या अभी पैदा हुई है तो आप गलत हैं.
Hindustan Times की जुलाई 1958 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय मिन्टो ब्रिज पानी में डूबता था.
तत्कालीन म्युनिसिपल कमिश्नर पीआर नायक ने पुल के नीचे वाटर पंपसेट लगाने के भी आदेश दिए थे. यह फोटो जुलाई 1993 की है.
आज 90 साल बाद भी मिन्टो पुल के नीचे पानी भरने और उसमें वाहन डूबने की समस्या ऐसी ही है.
इंजीनियरों के मुताबिक, मिन्टो ब्रिज गहरा है और चारों तरफ से सड़कों का पानी यहीं जमा होता है.
ब्रिज के नीचे भरने वाले पानी को निकालने के लिए कोई सिस्टम नहीं है. यह पंपसेट से निकाला जाता है.
ऐतिहासिक ब्रिज होने से नालियां बनाने के लिए इसके स्ट्रक्चर में बहुत छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.
इस कारण ही कई दशक से मिन्टो ब्रिज में बसों के डूबने की तस्वीरें आती हैं, लेकिन बदलाव नहीं हो पाता है.
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