Nov 5, 2024, 09:58 PM IST
वो हिंदू रानी, जिसका नाम सुनकर ही भाग जाती थी अकबर की फौज
Kuldeep Panwar
मुगल बादशाह अकबर को इतिहासकार महान कहते हैं, लेकिन वह भी कई भारतीय शासकों से डरते थे.
महाराणा प्रताप ही नहीं एक हिंदू रानी भी थी, जिसके नाम से अकबर की फौज खौफ खाती थी.
यह रानी दुर्गावती थीं, जिन्होंने 450 साल पहले मध्य प्रदेश के गोंडवाना इलाके में 16 साल हुकूमत की थी.
24 जून, 1524 को दुर्गावती का जन्म कलिंजर (अब बांदा) के चंदेल राजा कीर्ति सिंह के यहां हुआ था.
दुर्गा अष्टमी को जन्मी दुर्गावती मां दुर्गा जैसी ही बहादुर व घुड़सवारी, तलवारबाजी और तीरंदाजी की शौकीन थीं.
दुर्गावती इतनी बहादुर थीं कि आदमखोर बन चुके शेर का शिकार केवल तलवार से अकेले कर लेती थीं.
दुर्गावती की शादी गोंड रियासत गढ़मंडला के राजा दलपत शाह से हुई थी, जिनकी राजधानी जबलपुर थी.
दलपतशाह का निधन शादी के 7 साल बाद हो गया था, तब उनका बेटा नारायण महज 5 साल का था.
दुर्गावती ने खुद शासन संभालकर माणिकपुर के मुगल सूबेदार ख्वाजा अब्दुल मजीद खां को हराया.
मजीद खां के भड़काने पर अकबर ने रानी के पास सोने का पिंजरा भेजकर महलों में ही रहने को कहा.
रानी को हराने के लिए अकबर ने आसिफ खां को भेजा, जिसे दुर्गावती ने दो बार युद्ध में हरा दिया.
मुगल फौज में रानी का खौफ फैल गया, लेकिन तीसरे हमले में दुर्गावती का बेटा नारायण वीरगति को प्राप्त हुआ.
दुखी रानी ने 24 जून, 1564 को जन्म दिन पर 300 सैनिक लेकर मुगल सेना पर गोरिल्ला अटैक किया.
मुगल सेना भागने लगी पर रानी की आंख में तीर लग गया तो उन्होंने अपनी ही कटार से बलिदान दे दिया.
रानी दुर्गावती को अकबर की जीवनी अकबरनामा में भी बेहद साहसी, कुशल प्रशासक और वीर योद्धा बताया गया है.
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