Jan 13, 2024, 10:57 AM IST

महाबली था दुर्योधन, एक गदा के वार से मार सकता था 1000 हाथी

Smita Mugdha

दुर्योधन में हिंसा, ईर्ष्या और अहंकार जैसे की दुर्गुण थे लेकिन पांडव और भगवान श्रीकृष्ण भी उसे पराक्रमी योद्धा मानते थे. 

दुर्योधन गदा चलाने, मल्ल युद्ध समेत दूसरी युद्ध विद्याओं में निपुण था और शारीरिक तौर पर भी काफी मजबूत था.

माना जाता है कि दुर्योधन के एक गदा में हजार हाथियों के बराबर का बल था और वह बहुत पराक्रमी था. 

दुर्योधन को उसकी वीरता और युद्ध कौशल के ही वजह से ही उसके सारे पापों को भुलाकर उसे स्वर्ग में जगह मिली थी. 

स्वर्ग में उसे जगह देने के पीछे भगवान ने युधिष्ठिर को कहा था कि दुर्योधन युद्ध में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ था. 

युद्ध में वीरगति प्राप्त करना क्षत्रिय धर्म है और उसने इसका पालन किया था. इसलिए स्वर्ग का हकदार है.

महाबली और ताकतवर होने के साथ ही दुर्योधन खुद को युद्ध कला में निपुण बनाने के लिए लगातार अभ्यास भी करता था.

दुर्योधन ने अपने बाकी भाइयों को भी युद्ध में निपुण बनाने के लिए कई कुशल प्रशिक्षक रखे थे.

दुर्योधन एक अच्छा घुड़सावर और चालक भी था. कहा जाता है कि वह शक्तिशाली जानवरों को भी युद्ध में हरा सकता था.