ममता की TMC भी है अमीर देखिए BJP के पास है कितना पैसा
Kuldeep Panwar
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की भाजपा सरकार को झटका देते हुए Electoral Bond Scheme को असंवैधानिक घोषित कर दिया है और इस पर तत्काल रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राजनीतिक दलों को मिलने वाला चंदा फिर से चर्चा में आ गया है. यह BJP के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि सबसे ज्यादा चंदा उसे ही मिला है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड योजना में सबसे ज्यादा राजनीतिक चंदा सत्ताधारी पार्टी भाजपा को ही मिला है, जो बाकी दलों के टोटल से भी 3 गुना ज्यादा है.
एनालिसिस ऑफ डोनेशंस टू रजिस्टर्ड रिकनाइज्ड पॉलिटिकल पार्टीज (ADR) ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें पिछले 6 साल के राजनीतिक चंदे का एनालिसिस है.
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 31 राजनीतिक दलों को 16,437 करोड़ रुपये का चंदा मिला है, जिसका 55 फीसदी हिस्सा यानी 9,188 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड से आया है.
भाजपा को 6 साल के दौरान 5,271 करोड़ रुपये का चंदा Electoral Bond से मिला है, जो बाकी 30 दलों के कुल चंदे से 3 गुना से भी ज्यादा है.
देश के बाकी 30 राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये मिलने वाली चंदे की रकम महज 1,783 करोड़ रुपये ही रही है.
भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये मिली चंदे की रकम सभी राजनीतिक दलों को मिले चंदे का करीब 52 फीसदी हिस्सा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्टोरल बॉन्ड से दूसरे नंबर पर कांग्रेस को चंदा मिला है. देश की सबसे पुरानी पार्टी को 952 करोड़ रुपये का चंदा हासिल हुआ है.
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिलने वाली चंदे की रकम में 767 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी से तीसरा स्थान मिला है.
ओडिशा के CM नवीन पटनायक की BJD को 622 करोड़ रुपये और तमिलनाडु के CM स्टालिन की DMK को 431 करोड़ रुपये का चंदा चुनावी बॉन्ड से मिला है.
तेलंगाना की TRS को चुनावी बॉन्ड के जरिये 383 करोड़ रुपये का चंदा मिला है, जबकि वाईएसआर कांग्रेस को 330 करोड़ रुपये मिले हैं.
वित्त वर्ष 2017-18 से 2021-22 के बीच तक राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदे में 743 फीसदी की बढ़ोतरी का अंतर आया है.
राजनीतिक दलों को कॉरपोरेट के जरिये इसी दौरान मिलने वाला चंदा 4,614 करोड़ रुपये रहा, जो 48 फीसदी की बढ़ोतरी है.