Jul 27, 2024, 11:52 PM IST

वो किला, जहां शुरू हुआ महाभारत और मारा गया मुगल बादशाह

Kuldeep Panwar

दिल्ली आज ही नहीं पुरातन काल में भी भारतवर्ष की सत्ता का केंद्र रही. हमारे इतिहास में महाभारत से आजादी तक इसके खूब सबूत मौजूद हैं.

दिल्ली के पुराने किले का कई हजार साल पुराना इतिहास भी ऐसा ही है, जिसकी जड़ें महाभारत से लेकर मुगलों की सल्तनत तक जुड़ी हैं.

हम जो पुराना किला देखते हैं, वो मुगल सम्राट हुमायूं की देन है, जिसका निर्माण हुमायूं ने अपने नए शहर दीनपनाह के लिए कराया था.

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की खुदाई में पुराने किले में कई हजार साल पहले पांडवों के इंद्रप्रस्थ शहर के भी सबूत मिले हैं.

'पांडवों का किला' कहलाने वाले पुराने किले में साल 1913 तक इंद्रपट गांव भी था, जिसे अंग्रेजों ने नई दिल्ली बसाते समय दूसरी जगह शिफ्ट कराया था.

ASI की खुदाई में यहां पांडवकालीन मिट्टी के बर्तन मिले थे. यहां महाभारत का इतिहास होने के वैज्ञानिक ही नहीं ऐतिहासिक दस्तावेज भी मिले हैं.

मुगल बादशाह अकबर के दौर में लिखी 'आइन-ए-अकबरी' में भी हुमायूं के बनाए किले की जगह पहले पांडवों का इंद्रप्रस्थ होने की बात दर्ज है.

इंद्रप्रस्थ में मय दानव के बनाए भव्य पांडव महल के अंदर ही पानी की जगह जमीन और जमीन की जगह पानी होने का भ्रम हुआ करता था.

इसी भ्रम में कौरव राजकुमार दुर्योधन फिसलकर गिरा था, जिसे लेकर द्रौपदी ने उसकी हंसी उड़ाई थी. दुर्योधन ने इसे अपना अपमान माना था.

इसी कारण दुर्योधन ने साजिशन हस्तिनापुर में पांडवों को जुए में हराने के बाद द्रौपदी का चीरहरण कराया था, जिसे महाभारत युद्ध की शुरुआत माना जाता है.

हुमायूं ने किले में शेरशाह के बनवाए शेरमंडल को लाइब्रेरी में बदलवा दिया. 27 जनवरी, 1556 को इसी लाइब्रेरी की सीढ़ियों पर हुमायूं का अंत हुआ.

मस्जिद से नमाज की आवाज सुनकर हुमायूं तेजी से सीढ़ियां उतरने लगा, पर लंबे लबादे में पैर फंसने से वो फिसलकर गिर गया और उसकी मौत हो गई.