King Cobra के नहीं होते कान, फिर कैसे नाचता है बीन पर
Kuldeep Panwar
आपने किंग कोबरा हो या कोई अन्य सांप, उसके फोटो ही नहीं उन्हें गलियों में नाच दिखाने वाले संपेरे के पास बेहद करीब से भी देखा होगा.
कभी आपने सांप के कान नहीं देखे होंगे पर उसे सपेरे की बीन की धुन पर तन्मयता से झूमते हुए देखा होगा. क्या ये देखकर आश्चर्य नहीं हुआ.
क्या कभी आपने सोचा कि बिना कान के सांप सुनता कैसे है? वो बीन की धुन पर झूमता कैसे है? चलिए इसका कारण हम आपको बताते हैं.
दरअसल सांप के बाहरी नहीं आतंरिक कान होते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, सांप इनसे सीमित दूरी तक सुन सकता है. सांप 200-300 हर्ट्ज तक की आवाज ही सुन सकता है.
सांप की बॉडी में एक छोटी सी हड्डी जबड़े और अंदर की नली को आपस में जोड़ती है. यह सांप के लिए सेंसर सिस्टम का काम करती है.
सांप अपनी बॉडी के इस सेंसर के जरिये ही सभी आवाजों को महसूस करता है, जो इस अंदरूनी कान से होकर सांप के दिमाग तक जाती है.
इंसानी कान में आवाज ईयरड्रम से टकराकर कोशिकाओं में वाइब्रेशन करती है, जो नर्व इंपल्स में बदलकर दिमाग तक पहुंचकर आवाज बनती है.
सांप के शरीर में ईयरड्रम का काम यह अंदरूनी कान करते हैं, जो सांप के आसपास होने वाली आहट को महसूस कर उसके कान तक पहुंचाते हैं.
बीन की धुन पर किंग कोबरा के फन फैलाकर नाचने का मामला कुछ अलग है. दरअसल सांप को धुन नहीं सुनती, बल्कि वो हिलती हुई बीन देखता है.
अधिकतर संपेरे बीन के आगे शीशे के छोटे टुकड़े लगाते हैं, जिनसे टकराकर रोशनी रिफ्लेक्ट होती है और सांप को आकर्षित करती है.
सांप बीन के शीशों की रोशनी पर फोकस होकर उनके साथ ही इधर-उधर लहराने लगता है और हम सोचते हैं कि वो बीन की धुन पर नाच रहा है.