Apr 10, 2024, 12:30 AM IST

चांद पर पड़ी ये खास चीज धरती पर लाएगा Chandrayaan-4

Kuldeep Panwar

Chandrayaan-3 के लैंडर विक्रम ने चांद पर उतरकर इतिहास रच दिया था. भारत चांद के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने पहला देश बन गया था.

अब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने Chandrayaan-4 को भी चांद पर भेजने की तैयारी कर ली है. यह Moon Mission भी इतिहास रचेगा.

इसरो का चंद्रयान-4 अंतरिक्ष में ही चक्कर नहीं काटता रहेगा, बल्कि यह चांद की सतह पर उतरकर चंद्रयान-3 से भी एक कदम आगे रखेगा.

इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने बताया कि पीएम मोदी ने साल 2040 में पहले भारतीय इंसान को चांद पर उतारने की टास्क घोषित किया है.

सोमनाथ ने कहा, यदि हमें चांद पर इंसान भेजने का सपना पूरा करना है तो हमें लगातार अलग-अलग तरह के मून मिशन पूरे करने पड़ेंगे.

सोमनाथ ने कहा, इसी कारण चंद्रयान-3 के बाद अब इस सीरीज में हम चंद्रयान-4 डेवलप कर रहे हैं, जो चांद की तरफ पहला खास कदम होगा.

सोमनाथ ने कहा, चंद्रयान-4 से हमारा टारगेट चांद की सतह पर विमान भेजकर लैंड कराने और वहां से सैंपल बटोरकर वापस धरती पर लाना  होगा.

इसरो ने पिछले एक साल के दौरान अंतरिक्ष में कई अहम मिशन भेजे हैं, जिनमें चंद्रयान-3 के अलावा आदित्य L-1 सौर मिशन भी शामिल है.

इसरो इस समय मानव मिशन की तैयारी में जुटा हुआ है, जिसमें पहली बार कोई भारतीय खुद अपनी धरती से अंतरिक्ष में पहुंचेगा.

अंतरिक्ष में जाने वाले इकलौते भारतीय कैप्टन राकेश शर्मा हैं, जिन्होंने 80 के दशक में तत्कालीन सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी.

दो भारतीय मूल की महिलाओं कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स को NASA ने अंतरिक्ष में भेजा था. कल्पना का यान हादसे में ही निधन हुआ था.