Sep 15, 2023, 09:00 PM IST

भारतीय सेना का वो 'महाअस्त्र', जो यूक्रेन में छुड़ा चुका रूस के भी पसीने

Kuldeep Panwar

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में चार दिन से चल रहे आतंकियों के साथ एनकाउंटर में भारतीय सेना ने अब कमांडो यूनिट उतारी है, जो अपने साथ एक ऐसा 'महाअस्त्र' लेकर पहुंची है, जिस आमने-सामने के कॉम्बेट में अजेय माना जाता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय कमांडो Carl Gustaf M4 Rocket Propelled Grenade Launcher लेकर पहुंचे हैं, जिसे रिकॉयललेस राइफल भी कहते हैं. इसे स्विस कंपनी SAAB ने बनाया है.

कंधे पर रखकर चलाए जाने वाले ऐसे ही रॉकेट लॉन्चर्स की मदद से यूक्रेन की सेना ने रूस की सेना के टैंकों और जवानों को डेढ़ साल से नाको चने चबवा रखे हैं. 

कार्ल गुस्ताफ के 1986 में आए M3 मॉडल को भारत में ही बनाया जा रहा है. 12,00 मीटर रेंज वाले इस लॉन्चर को म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड और एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड मिलकर बनाते हैं. 

SAAB जल्द ही M4 मॉडल का उत्पादन भी भारत में शुरू करने जा रही है, जो साल 2014 में लॉन्च किया गया था. कार्ल गुस्ताफ एम4 दुनिया के अत्याधुनिक रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रैनेड लॉन्चरों में से एक है. 

करीब 37 इंच लंबे कार्ल गुस्ताफ M4 का वजन 6.6 किलोग्राम है और इसे चलाने के लिए एक गनर व एक लोडर समेत दो लोगों की जरूरत होती है. 

कार्ल गुस्ताफ M4 का रॉकेट ग्रेनेड 84mm गोलाई और 246mm लंबाई का होता है. एक मिनट में 6 राउंड फायर के दौरान 918 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार वाले गोले 400 मीटर तक चलते हुए वाहन को सटीक तरीके से भेद सकते हैं.

कार्ल गुस्ताफ M4 के हाई-एक्सप्लोसिव रेंज वाले ग्रेनेड से 1,000 मीटर दूरी तक और रॉकेट बूस्टेड लेजर गाइडेड हथियार से 2,000 मीटर तक निशाना लगाया जा सकता है.

कार्ल गुस्ताफ M4 की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस एक ही हथियार से 10 अलग-अलग तरह के वॉरहेड लॉन्च किए जा सकते हैं, जिनसे सामान्य वाहन या बंकर को निशाना बनाने से लेकर टैंक तक उड़ा सकते हैं.

भारतीय सेना के पास 1976 से ही कार्ल गुस्ताफ के अलग-अलग मॉडल मौजूद रहे हैं. अब भारत में M4 मॉडल बनने के बाद इसे चीन सीमा पर तैनात भारतीय जवानों को दिया जाएगा.