Mar 23, 2024, 08:26 AM IST

Bhagat Singh Death Anniversary: जानें भगत सिंह के जीवन से जुड़ी ये खास बातें

Anamika Mishra

23 मार्च का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज है. 23 मार्च 1931 को भारत के वीर भगत सिंह को फांसी हुई थी.

आइए आज हम इस पुण्यतिथि पर भगत सिंह के जीवन से जुड़े कुछ खास बहादुरी के किससे बताते हैं.

भगत सिंह और उनके साथी बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली में बम फेंके और आजादी के नारे लगाए थे.

इसके बाद उन दोनों ने खुद ही गिरफ्तारी दी और इस दौरान उन्हें करीब दो साल की सजा हुई.

जेल में रहते हुए भगत सिंह क्रांतिकारी लेख लिखते थे. उनके लेखों में उन सभी लोगों का नाम होता था जिसे वह देश का दुश्मन मानते थे.

अपना जीवन देश के लिए कुर्बान कर देने वाले भगत सिंह बहुत बुद्धिमान और कई भाषाओं के जानकार थे.

उन्हें हिंदी, पंजाबी, उर्दू, बांग्ला और अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान था.

भगत सिंह का दिया गया नारा इंकलाब जिंदाबाद काफी प्रसिद्ध था. वह अपने हर लेख और भाषण में इसका जिक्र करते थे.

दो साल की कैद के बाद भगत सिंह के साथ राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी.

फांसी की खबर सुनकर लोग भड़के हुए थे. भारतीयों का आक्रोश और विरोध देख अंग्रेज सरकार डर गई और अचानक 23 मार्च को ही उन्हें फांसी दे दी गई.