Aug 8, 2024, 11:03 PM IST

लखनऊ का पुराना नाम क्या था?

Kuldeep Panwar

उत्तर प्रदेश में इस समय शहरों के नाम बदल रहे हैं. इलाहाबाद प्रयागराज हो चुका है. गाजियाबाद का नाम हरनंदीनगर करने की तैयारी है.

ऐसे में प्रदेश की राजधानी लखनऊ की चर्चा ना छिड़े, ये हो ही नहीं सकता. लखनऊ को भी दोबारा इसका पौरोणिक नाम देने की मांग हो रही है.

दरअसल भले ही लखनऊ पूरी दुनिया में नवाबों के शहर के नाम से पॉपुलर है, लेकिन असल में इसका इतिहास हजारों साल पहले भगवान राम से जुड़ा है.

लखनऊ के पुरातन शहर होने के कई सबूत पुरातत्वविदों को मिल चुके हैं. कई इतिहासकार इसके रामायणकालीन शहर होने का दावा करते हैं.

मान्यता है कि लखनऊ का पौरोणिक नाम लखनपुर या लक्ष्मणपुर था. इसे भगवान राम ने अपने प्रिय भाई लक्ष्मण को तोहफे में दिया था.

लखनऊ जिला वेबसाइट पर भी जिक्र है कि राम ने लंका विजय के बाद अयोध्या लौटकर लक्ष्मण को जंगल में बिताए सालों के बदले प्यार के तोहफे में लखनऊ दिया था.

मान्यता है कि लक्ष्मण जी ने यहां कौशल राज्य की स्थापना की थी, उसकी राजधानी के लिए ही लक्ष्मण जी ने लक्ष्मणपुर को बसाया था.

पुराने लखनऊ शहर में मौजूद लक्ष्मण टीला भी इसका सबूत माना जाता है, जहां ASI को खुदाई में वैदिक कालीन अवशेष हासिल हुए थे.

दावा किया जाता है कि लक्ष्मणटीला पर बने लक्ष्मणजी के प्राचीन मंदिर को तुड़वाकर ही मुगल बादशाह औरंगजेब ने मस्जिद बनवाई थी.

यह भी मान्यता है कि लखनऊ को लखनावती नाम से राजा लाखन ने बसाया था, जो उसकी पत्नी रानी लखनावती को उसकी तरफ से तोहफा था.

राजा लाखन ने यहां किला लाखन और लखनावती वाटिका की स्थापना की थी. इतिहास में 11वीं सदी तक इसे लखनपुर कहे जाने के सबूत हैं.

लखनऊ को मौजूदा नाम नवाबों के शासन में मिला. मान्यता है कि लक्ष्मण के बाद इसका नाम पहले लक्ष्मणवती, फिर लखनवती, फिर लखनौती और आखिरकार लखनऊ में बदल गया.

एकसमय अवध रियासत के झंडे तले उत्तर भारत की राजधानी रहा लखनऊ अब देश के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक प्रदेश की राजधानी है.

मौजूदा लखनऊ को कपड़े की चिकनकारी, नवाबी खानपान की संस्कृति और दशहरी के खास आमों के लिए भी पूरी दुनिया में पहचाना जाता है.