Aug 8, 2024, 02:33 PM IST

आज भी जिंदा हैं रामायण के ये 5 लोग

Kuldeep Panwar

रामायण का हमारे समाज में सबसे बड़ा प्रभाव है. असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक के तौर पर हम हर साल दीपावली का त्योहार मनाते हैं. 

रामायण में जहां भगवान श्रीराम और लक्ष्मण के महज छोटी सी वानर सेना लेकर तीनों लोक जीतने वाले महाबली रावण को हराने की दास्तां हैं.

वहीं इस धर्म ग्रंथ में प्रभु श्रीराम के कई ऐसे महान योद्धाओं की भी जानकारी है, जिन्होंने उनके साथ कंधा मिलाकर रावण सेना का ध्वंस किया था.

इन महान योद्धाओं में से 5 लोग ऐसे माने जाते हैं, जिनका जिक्र महर्षि वाल्मिकी की रामायण में है, लेकिन हजारों साल बाद ये आज भी जिंदा हैं.

पवन पुत्र हनुमान से कौन वाकिफ नहीं है. मान्यता है कि हनुमान जी प्रभु श्रीराम से मिले एक कल्प यानी 4 अरब 32 करोड़ साल तक जिंदा रहने के आशीर्वाद के कारण आज भी धरती पर मौजूद हैं.

मान्यता है कि भगवान राम की अयोध्या के रक्षक हनुमान ही हैं, जो हिमालय की ऊंची चोटियों में छिपकर वहीं से अयोध्या पर नजर रखते हैं.

भगवान राम की सेना में सबसे बुद्धिमान भालू रूप वाले जाम्बवंत थे. अग्निदेव के पुत्र जाम्बवंत को भी कल्प के अंत तक अमरता का वरदान मिला है. 

शरीर पर बड़े-बड़े रोम (बाल) वाले लोमश ऋषि ने भी भगवान शिव की तपस्या करके एक कल्प बाद एक रोम गिरने और सारे रोम गिरने पर मृत्यु होने का वरदान मांगा था.

लोमश ऋषि की अमरता का अनुमान ऐसे भी लगाया जा सकता है कि उनका जिक्र रामायण काल में ही नहीं महाभारत में भी आता है.

भगवान गरुड़ क रामकथा सुनाने वाले अपने शिष्य काकभुशुण्डि को भूलवश कौवा बनने का शाप देने पर पछताते हुए लोमश ऋषि ने उन्हें राम मंत्र और इच्छा मृत्यु का वरदान दिया था. 

मान्यता है कि काकभुशुण्डि ने दोबारा मनुष्य बनने पर फिर से कौवा बनने की ही इच्छा जताई, क्योंकि उसी रूप में उन्हें राम मंत्र मिला था. आज भी वे कौए के रूप में घूमते हैं.

रामायण में सत्य का साथ देने के लिए लंका छोड़कर भगवान राम के पास आ गए रावण के भाई विभीषण को भी अमरता का वरदान प्राप्त था. वे भी जिंदा हैं.

DISCLAIMER: यह पूरी जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं व आस्थाओं पर आधारित है. इसकी सत्यता की पुष्टि DNA Hindi नहीं करता है.