Apr 19, 2024, 12:43 AM IST

सोना-चांदी नहीं इस चीज के कारण किया था बाबर ने भारत पर हमला

Kuldeep Panwar

माना जाता है मुगल बादशाह बाबर हो या मध्य एशिया के मोहम्मद गोरी, महमूद गजनवी जैसे बाकी लुटेरे, सबने भारत पर सोना-चांदी लूटने के लिए हमला किया था.

यदि आपको ये कहा जाए कि यह बात सच नहीं है. इन लुटेरों को सोना-चांदी नहीं बल्कि भारत की मानसूनी बारिश यहां लाई थी तो क्या कहेंगे?

दरअसल पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) की रिसर्च में भारत पर विदेशियों के आक्रमण और मानसूनी बारिश का लिंक जुड़ा है.

इस रिसर्च के मुताबिक, 2,600 साल में भारत पर आक्रमण करने वाले तमाम हमलावर यहां अच्छे मानसून और बढ़िया मौसम के चलते आए थे.

IITM के एक्सपर्ट नवीन गांधी के नेतृत्व में हुई रिसर्च में छठी शताब्दी ईसा पूर्व और 16वीं शताब्दी ईसवी के बीच मध्य व दक्षिण एशिया में मानसून को स्टडी किया गया.

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्टडी में पिछले 2,500 साल की पुराजलवायु परिस्थितियों की जानकारी हासिल की गई. 

टीम ने केरल के ट्री रिंग के आधार पर 1484 से 2003 ईस्वी तक वर्षा में उतार-चढ़ाव देखा तो आंध्र प्रदेश के कडपा व छत्तीसगढ़ के दंडक की चट्टानी गुफाओं से ऑक्सीजन आइसोटोप जुटाए.

टीम ने ईरान, इराक, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान की प्राचीन रॉक गुफाओं से भी ऑक्सीजन आइसोटोप सैंपल लिए, जिनमें कुछ 10 हजार साल से भी ज्यादा पुराने हैं.

गांधी के मुताबिक, सिस्टेमैटिक बारिश की कमी के कारण मध्य एशिया का बड़ा एरिया रेगिस्तान जैसा था, जबकि तब भारत में खेती फल-फूल रही थी.

स्टडी में निष्कर्ष निकला है कि भारत पर हुए 11 मेन अटैक में से 8 भारतीय उपमहाद्वीप में बढ़िया मानसून और कृषि गतिविधियां पीक पर होने के दौरान हुए थे.

इससे माना जा रहा है कि विदेशी आक्रमणकारियों को भारत की तरफ आकर्षित करने में अच्छे मानसून और अनुकूल जलवायु ने अहम भूमिका निभाई होगी.

इस निष्कर्ष के पीछे यह भी कारण है कि ज्यादा आक्रमणकारियों ने भारत पर हमले में पहले वे क्षेत्र निशाना बनाए, जो खेती-किसानी के लिहाज से संपन्न थे.