Sep 5, 2023, 07:54 PM IST

इस मुगल बादशाह की बहन छीनकर हरम में ले गया था दूसरा सुल्तान

Kuldeep Panwar

भारत में मुगल सल्तनत की शुरुआत बाबर ने की थी, जिसने अफगानिस्तान से आकर इब्राहिम लोदी को युद्ध में हराया था. बाबर को मुगल इतिहास का सबसे ताकतवर शहंशाह भी माना जाता है.

बाबर ने भारत आने के बाद राजपूतों के सबसे ताकतवर राजा राणा सांगा को भी परास्त किया था. तमाम अन्य भारतीय राजाओं को हराकर दिल्ली का तख्त मुगल सल्तनत के पास ही रहना तय किया था.

ताकतवर बादशाह होने पर भी बाबर के साथ एक दाग जुड़ा है. भारतीय स्त्रियों को अपने हरम में जबरन रखने वाले मुगल बादशाहों के इस पहले पूर्वज की बहन को दूसरा सुल्तान जबरन  अपने हरम में ले गया था, जिसे वह रोक नहीं सका था.

बाबर की बहन खानजादा थी, जो अपने भाई के शासन में बेहद ताकतवर राजनीतिक हस्ती थी और बेहद सुंदर भी थी. बाबर उससे कूटनीतिक सलाह लेकर ही अपने राजकाज के काम करता था.

बाबर का पीछा करते हुए उसके अफगान दुश्मन सुल्तान शायबानी ने दिल्ली घेर ली थी. 6 महीने की घेराबंदी में दिल्ली में भुखमरी फैल गई थी. तब खानजादा ने ही समझौते की राह निकाली थी.

शायबानी ने घेराबंदी हटाने के बदले में खानजादा से निकाह की मांग की. बाबर के इनकार पर भी खानजादा उसकी सल्तनत बचाने के लिए तैयार हो गई. शायबानी खानजादा को अफगानिस्तान ले गया था.

शायबानी की हरम में खानजादा की जिंदगी नरक जैसी थी. शायबानी ने कुछ दिन बाद ही गुस्सा होकर खानजादा को अपने एक फौजी सरदार सैयद के हवाले कर दिया. वहां भी खानजादा को बेहद दुख मिला.

खानजादा को दुखों से मुक्ति तब मिली, जब शाह इस्माइल ने शायबानी पर हमला कर दिया और दोनों के बीच हुए युद्ध में सैयद मारा गया. इसके बाद इस्माइल ने खानजादा को अपने हरम की रखैल बना लिया.

शाह इस्माइल को बाद में खानजादा के बाबर की बहन होने की जानकारी मिली. इस पर इस्माइल ने बाबर का साथ पाने के लिए खानजादा को वापस दिल्ली भेज दिया. इस तरह 10 साल बाद खानजादा घर लौटी थी.

खानजादा की इस कहानी को एक समय दुनिया की सबसे अमीर सल्तनत रही मुगलिया सत्ता के लिए बेहद शर्मनाक कहानी मानी जाती है. इस कारण इसे इतिहास से भी हटवाया गया था.