Jun 30, 2024, 02:32 PM IST

इस मुगल बादशाह ने फोड़ दी थी बेटे की आंख

Kuldeep Panwar

मुगल बादशाहों में सबसे ज्यादा चर्चित अकबर रहे हैं, लेकिन उनके बेटे जहांगीर पर भी इतिहासकारों ने अपनी किताबों में खूब लिखा है.

जहांगीर को अफीम के नशे में डूबा रहने वाला शख्स बताया गया है, जो पल में लोगों पर गुस्सा होता था और पल में दरियादिल बन जाता था.

एलिसन बैंक्स फिडली की किताब 'नूरजहां: एंपरेस ऑफ मुगल इंडिया' ने जहांगीर के इस तुनकमिजाज स्वभाव के कई किस्से बयान दर्ज हैं.

जहांगीर ने इसी तुनकमिजाजी में बादशाह अकबर से विद्रोह कर दिया था, जिसे अनारकली को लेकर झगड़े के तौर पर प्रचारित किया जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि जहांगीर ने अपने बेटे खुसरो के साथ भी ऐसी क्रूरता दिखाई थी जो आपको कांपने पर मजबूर कर सकती है.

दरअसल अकबर ने जहांगीर की अय्याशी के चलते उसके बजाय अपने पोते खुसरो को अपने बाद बादशाह बनाए जाने की घोषणा कर दी थी.

अकबर ने मरने से पहले फैसला बदलकर जहांगीर को गद्दी दे दी, जिससे खुसरो ने अपने पिता के खिलाफ ही बगावत करने की घोषणा कर दी.

जंग में मुगल सेना के सामने खुसरो की सेना हल्की साबित हुई और वो युद्ध हारने पर बंदी बनाकर बादशाह जहांगीर के सामने पेश किया गया.

जहांगीर के मन में खुसरो की बगावत के कारण इतना गुस्सा भर गया था कि उन्होंने अपने बेटे को देखते ही उसकी आंख फोड़ने का हुक्म दे दिया.

गुस्सा कम होने पर जहांगीर को अपने इस कारनामे पर अफसोस हुआ और उसने हकीमों को खुसरो की आंख का इलाज करने के लिए कहा.

इतिहासकार बैम्बर गोइस्कोन ने भी अपनी किताब 'द ग्रेट मुगल्स' में बताया है कि इलाज के बाद भी खुसरो की आंख की पूरी रोशनी नहीं लौटी.

खुसरो के अंधेपन के कारण उसके छोटे भाई खुर्रम ने ही एक सैन्य अभियान में उसकी हत्या कर दी और शाहजहां के नाम से मुगल बादशाह बना.