बाबर और शाहजहां के बेटे समेत, दिल्ली के इस मकबरे में 150 शव हैं दफन
Anamika Mishra
हुमायूं का मकबरा भारत और दिल्ली का मशहूर स्मारक है. यह यूनेस्को विरासत स्थल भी है.
हुमायूं का मकबरा मुगल वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण देता है. हुमायूं की मृत्यु के बाद उनकी विधवा पत्नी हमीदा बानो बेगम ने प्यार के प्रतीक के रूप में इस मकबरे को बनवाया था.
हुमायूं के मकबरे को किसी चमत्कार से काम नहीं माना जाता है. इस मकबरे को बनाने में लगभग 7 साल लगे थे.
हुमायूं का मकबरा एक बगीचे के अंदर बना हुआ है, जिसे चारबाग के नाम से जाना जाता है, जो चार भागों में बांटा हुआ है.
हुमायूं का मकबरा लाल बलुआ पत्थरों से बना हुआ है. इसमें एक सफेद संगमरमर का गुंबद है और यह चारों ओर से छोटे गुंबदों से घिरा हुआ है.
साल 1993 में हुमायूं के मकबरे को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था.
बादशाह हुमायूं के अलावा मकबरे में कई मुगल शासकों की कब्र है, जिनमें हुमायूं की बेगम हमीदा बानो, दारा शिकोह और परिवार के अन्य 150 लोगों की कब्र इसी मकबरे में है.
इनमें बाबर और इसाक खां का मकबरा भी शामिल है. यह सभी कब्रें हुमायूं के मकबरे के सामने बगीचे में बनी हुई हैं.
माना जाता है कि हुमायूं के मकबरे का डिजाइन ताजमहल से लिया गया है.