बेहद शातिर थी मुगल हरम की महिलाएं, पैसों के लिए करती थीं ऐसे काम
DNA WEB DESK
मुगल सल्तनत के दौर में रानियों और शहजादियों के अलावा भी हरम में हजारों महिलाएं रहती थीं.
इन हरम में रहने वाली कुछ महिलाएं रानियों और शहजादियों की मुख्य सेविकाएं होती थीं, सहेलियां और कुछ दासियां थीं. नर्तकी और युद्ध से जीती महिलाओं के अलावा किन्नर भी भी हरम में रहती थीं.
रानियों-शहजादियों और कुछ सेविकाओं के लिए राजमहल से वेतन का प्रावधान था जबकि ज्यादातर महिलाओं के पास आय का कोई जरिया नहीं था.
जहांआरा ने अपनी किताब में लिखा है कि ज्यादातर दासियां और सेविकाएं इनाम और बख्शीश के लिए रानियों और शहजादियों की खिदमत करती थीं.
हरम में रहते हुए कई गुट बन जाते थे और ऐसी गुटों की मुखिया अक्सर प्रभावशाली महिलाएं होती थीं जो कम उम्र की सेविकाओं को कभी-कभार पैसे देती थीं.
दारा शिकोह के दोस्त और इतिहासकार मनूची ने लिखा कि हरम की महिलाएं महंगे तोहफे और पैसों के लिए अक्सर सैनिकों, सेनापतियों और व्यापारियों को लुभाने की कोशिश करती थीं.
हरम में रहने वाली औरतों में कुछ उम्दा कलाकार थीं और वह अपने प्रदर्शनों के दौरान बादशाह से लेकर सभी खास लोगों से तोहफे बटोरने की कोशिश करती थीं.
मनूची ने अपनी किताब में लिखा है कि राजा कई बार विदेशी व्यापारियों और मित्र शासकों को हरम की महिलाएं भेजता था और वहां से भी कुछ महिलाएं खूब पैसा लेकर लौटती थीं.
हरम में रहने वाली औरतों को बाहर जाने की आजादी नहीं थी लेकिन खास मौकों पर पर्दे में रहते हुए वे हाट-बाजार जाती थीं. (AI तस्वीरों का इस्तेमाल सांकेतिक तौर पर किया गया है.)