Feb 5, 2024, 06:04 PM IST

तवायफों के साथ लहंगा पहनकर नाचता था यह मुगल बादशाह

Smita Mugdha

मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीला इतिहास में अपने रसिक मिजाज और रंगीन स्वभाव की वजह से ही दर्ज है.

रंगीला के दरबार में ही तवायफों और नर्तकियों का नाच-गाना मुजरा चलता रहता था. इन्हीं शौक की वजह से उसे रंगीला नाम मिला.

रंगीला के हरम में हजारों की संख्या में महिलाएं होती थीं और बांदियां और तवायफों के साथ भी संबंध रखने की बात कही जाती है.

रंगीला इतना शौकीन मिजाज था कि कई बार तवायफें और हरम की औरतें उसे पालकी में उठाकर लाती थीं. 

मोहम्मद शाह रंगीला के बारे में कई अंग्रेज इतिहासकारों ने दावा किया है कि वह दरबार में नर्तकियों के साथ खुद भी नाचने लगता था.

रंगीला संगीत और कलाओं का अच्छा जानकार था और इसलिए वह नृत्य-संगीत पेश करने के लिए खुद नर्तकियों का चयन करता था.

कहा जाता है कि रंगीला के हरम में भारत ही नहीं बल्कि आसपास के कई पड़ोसी देशों की महिलाएं भी रहती थीं.

मोहम्मद शाह रंगीला नाच-गाने के अलावा चित्रकला और मूर्तिकला जैसी कलाओं का भी अच्छा जानकार था.

27 सितम्बर 1719 को ‘रौशन अख्तर’ उर्फ़ मुहम्मद शाह रंगीला दिल्ली की सल्तनत पर काबिज हुआ था. वह मुगलिया वंश में 13वें नंबर का बादशाह बना.