Aug 17, 2023, 08:08 PM IST

इस मुगल राजकुमारी को हिंदू राजा से इश्क की मिली थी ये बड़ी सजा

Kuldeep Panwar

मुगल बादशाहों की बेटियों में जहांआरा का ही जिक्र सबसे ज्यादा होता है, लेकिन जेबुन्निसा भी कम चर्चित नहीं थीं.

औरंगजेब की बेटी जेबुन्निसा अपने समय की मशहूर शायरों में से थीं, जिनकी कई विषयों पर बेहद पकड़ थी.

औरंगजेब 15 फरवरी 1638 में जन्मीं जेबुन्निसा की जानकारी के इतने कायल थे कि उसे 4 लाख सोने की अशर्फी खर्च के लिए देते थे.

औरंगजेब जेबुन्निसा के शायरी करने के खिलाफ थे, इसलिए वे मखफी नाम से लिखती थीं और छिपकर मुशायरों में जाती थीं.

जेबुन्निसा की चर्चा अपनी शायरी और पढ़ाई से भी ज्यादा प्यार के लिए होती है, जो उनकी बेहद दुखद मौत का कारण बना.

एक मुशायरे में जेबुन्निसा अपना दिल बुंदेला राजा छत्रसाल को दे बैठीं, जो उनके पिता के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक थे.

औरंगजेब ने खफा होकर जेबुन्निसा को दिल्ली के लाल किले में कैद कर दिया, जहां वे अगले 20 साल तक कारागार में ही रहीं.

जेबुन्निसा कारागार में रहने के दौरान कृष्ण भक्त हो गईं. उन्होंने 20 साल में कान्हा पर कारागार में 5,000 से ज्यादा कविताएं लिखीं.

ज़ेबुन्निसा की ये रचनाएं उनकी मौत के बाद दीवान-ए-मख़्फ़ी के नाम से छपीं, जो आज भी ब्रिटिश लाइब्रेरी में मौजूद है.

जेबुन्निसा की मौत कैद में ही 1702 के मई महीने में हुई थी. उन्हें काबुली गेट के बाहर तीस हजारा बाग में दफनाया गया.