Aug 7, 2024, 11:30 PM IST

क्या था इन 7 महान हिंदू योद्धाओं के घोड़ों का नाम

Kuldeep Panwar

आधुनिक युग में भले ही लड़ाइयां फाइटर जेट्स और मिसाइलों से जीती जाती हैं, लेकिन एक समय था जब लड़ाई आमने-सामने के जौहर से जीती जाती थी.

योद्धाओं के इस जौहर में उनके असली साथी होते थे तलवार और उनका खास घोड़ा. इतिहास में ऐसे घोड़ों की कहानियां योद्धाओं की तरह ही सुनाई जाती हैं.

महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान हों या छत्रपति शिवाजी, सभी योद्धाओं को प्रसिद्धि उनकी वीरता में उनके घोड़ों के साहस के मिश्रण ने ही दिलाई थी.

आइए आपको इतिहास के कुछ महान योद्धाओं के उन चर्चित घोड़ों के बारे में बताते हैं, जिनके किस्से आज भी लोकगीतों में सुनाई दे जाते हैं.

सबसे पहले बात  मेवाड़ के महाराणा प्रताप की, जिनके घोड़े चेतक का नाम बच्चा-बच्चा जानता है जिसकी वीरता के किस्से इतिहास में हर पन्ने पर हैं.

पृथ्वीराज चौहान की वीरता के किस्से आज भी गाए जाते हैं. इन किस्सों में उनके घोड़े नाट्यरंभ के साहस की भी चर्चा बखूबी की जाती है.

छत्रपति शिवाजी के पास एक नहीं सात घोड़े मोती, विश्वास, रणवीर, गजरा, कुष्णा, तुरंगी और इंद्रायणी थे, जिनमें से हर एक गजब का था.

बाजीराव पेशवा का घोड़ा मल्हारी तो बिजली जैसा था. इसी की बदौलत एक ही दिन में पुणे से बुंदेलखंड पहुंचकर बाजीराव ने बाजी पलट दी थी.

रानी लक्ष्मीबाई की वीरता जितनी मशहूर है, उतनी ही चर्चा किस्से-कहानियों में उनके घोड़े बादल की भी है, जो घायल रानी को लेकर किले की दीवार से कूद गया था.

सम्राट अशोक का घोड़ा पवन भी बेहद मशहूर था. उस पर सवार होकर ही अशोक ने कलिंग के युद्ध जैसी कई असंभव जीत हासिल की थी.

महाराजा रणजीत सिंह की सबसे प्रिय थी उनकी घोड़ी लैला, जिसे उन्होंने पेशावर के यार मोहम्मद खान से उस समय 60 लाख रुपये में खरीदा था.