Aug 4, 2023, 01:28 PM IST

Nuh Violence का 'जामताड़ा' कनेक्शन, इसलिए फूंका साइबर थाना

Kuldeep Panwar

Nuh Violence की जांच में अब कथित सांप्रदायिक हिंसा के पीछे का असली सच सामने आ रहा है.

यह भी खुलासा हुआ है कि हिंसा में केवल साइबर पुलिस स्टेशन का ही रिकॉर्ड क्यों जलाया गया है.

हरियाणा पुलिस का कहना है कि यह हिंसा नूंह में एक्टिव ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोहों की साजिश है.

हरियाणा के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने प्रारंभिक जांच में हिंसा में साइबर अपराधियों का हाथ माना है.

ADG साइबर क्राइम ओपी सिंह और ADG पुलिस एएस चावला ने भी कहा है कि यह धार्मिक उपद्रव नहीं है.

नूंह के साइबर थाने में सैकड़ों साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ FIR का रिकॉर्ड था, जिससे वे पकड़े जा रहे थे.

गृह सचिव के मुताबिक, दंगाइयों के साइबर थाने को ही निशाना बनाने का कारण इसी रिकॉर्ड को नष्ट करना था.

बता दें कि नूंह जिला यानी मेवात इलाका अंग्रेजों के समय से अपराधियों का गढ़ माना जाता रहा है.

कुछ साल पहले तक घरों में लूटपाट करने वाले ट्राइबल गिरोह पुलिस की भाषा में मेवाती गिरोह ही कहलाते थे.

समय बदलने पर नूंह के अपराधी भी हाइटेक हो गए हैं. अब यहां भी मोबाइल के जरिये ऑनलाइन ठगी होती है.

ऑनलाइन ठगी करने में नूंह के अपराधी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध झारखंड के जामताड़ा से भी आगे निकल गए हैं.

नूंह के ऑनलाइन ठग OTP-पासवर्ड वाली सामान्य ठगी से भी आगे बढ़कर Sextortion का धंधा चला रहे हैं.

ठगी के इस 'हनी ट्रैप' तरीके के कारण ही CBI भी नूंह के कई साइबर अपराधी दबोच चुकी है.

5,000 पुलिसकर्मियों ने अप्रैल में नूंह के 14 गांव में एकसाथ छापेमारकर 125 लोग पकड़े थे.

इस कार्रवाई के दौरान ऑनलाइन फ्रॉड में इस्तेमाल हो रहे 2 लाख मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए थे.

गृह सचिव का कहना है कि साइबर पुलिस स्टेशन का रिकॉर्ड जलने से इन अपराधियों को ही लाभ मिलेगा.