Jul 4, 2024, 10:38 AM IST

भारत में कब था 'पेटीकोट' राज?

Aditya Prakash

भारत में 'पेटीकोट शासन' मुगल बादशाह अकबर के शासन काल से संबंधित है. 

दरअसल, जब हुमायूं की मृत्यु हुई और अकबर गद्दी पर बैठा तो अकबर की उम्र महज 13 साल थी. 

इस परिस्थिति में हुमायूं का विश्वासपात्र बैरम खां जो कि अकबर का संरक्षक था उसे आरंभिक कठिनाइयों से उबारने में मदद की. 

बैरम खां की प्रशासन में ताकत बहुत ज्यादा बढ़ गई थी. उसने अकबर की चचेरी बहन से शादी कर राजपरिवार में संबंध भी बना लिए थे.

1560 आते आते अकबर ने सत्ता अपने हाथों में ले लिया, और बैरम खां को पद से हटा दिया गया. 

बैरम खां के पतन के बाद अकबर हरम की महिलाओं के प्रभाव में आ गया और इन महिलाओं का प्रशासन में दखल बढ़ता चला गया.

इसी वजह से इतिहासकारों ने इस काल (1560–1562) को को पेटीकोट शासन कहा है. 

इस शासन में माहम अनगा का सबसे ज्यादा प्रभाव था, साथ ही राजमाता हमीदा बानो बेगम, आधम खां, अत्का खां भी इसमें शामिल थीं.

'पेटीकोट शासन' 1560 से 1562 के बीच के समय की दरबारी राजनीतिक स्थितियों के सन्दर्भ में बोला जाता है.