Dec 3, 2023, 08:08 PM IST

राजस्थान के इन चेहरों में से चुना जाएगा अगला मुख्यमंत्री

Kuldeep Panwar

भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिए जरूरी 100 सीट का आंकड़ा छू लिया है. इसके साथ ही उसका सरकार बनाना तय हो गया है.

भाजपा की सरकार बनना तय होते ही अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? ये सवाल भी हर तरफ चर्चा में आ गया है. लोग अपने-अपने कयास लगा रहे हैं.

भगवा दल की तरफ से मुख्यमंत्री बनने का सबसे बड़ा दावेदार एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ही मानी जा रही हैं, लेकिन कई अन्य नाम भी होड़ में बने हुए हैं.

महारानी वसुंधरा राजे की अचानक ही मतदान से पहले और फिर उसके बाद बढ़ी सक्रियता उन्हें मजबूत दावेदार दिखा रही है. माना जा रहा है कि वसुंधरा को आलाकमान से ग्रीन सिग्नल मिला है.

वसुंधरा ही रिजल्ट में बहुमत नहीं मिलने पर बागी विधायकों को अपने खेमे में वापस लाने के लिए भी डील कर रही थीं. इससे भी उन्हें सीएम बनाने का हिंट मिलने की बात कही जा रही है.

वसुंधरा के नाम को चुनौती देने वाला अगला नाम भी राजघराने का ही है. यह नाम जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी का है, जिनके समर्थक महारानी की जगह महारानी का नारा लगा रहे हैं.

मौजूदा सांसद दीया कुमारी के लिए भाजपा ने जैसे विद्याधर नगर सीट मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी से खाली कराई थी, उससे भी उनका दावा मजबूत लग रहा है. राजवी पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के रिश्तेदार हैं.

मुख्यमंत्री बनने के एक और तगड़े दावेदार बाबा बालकनाथ माने जा रहे हैं. मौजूदा सांसद बाबा बालकनाथ ने तिजारा विधानसभा सीट से जीत हासिल की है. उनकी छवि राजस्थान में बेहद मजबूत है.

हिंदुत्ववादी छवि वाले बाबा बालकनाथ को राजस्थान का योगी आदित्यनाथ कहा जा रहा है. हालांकि फायर ब्रांड नेता की छवि वाले बालकनाथ थाने में डीएसपी से बदसलूकी जैसे विवादों में उलझे हुए हैं.

भाजपा की तरफ से सीएम बनने के कई अन्य दावेदार भी हैं. इनमें लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ आदि का नाम शामिल है.

राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर राजनीतिक पार्टियां अब तक बहुत ज्यादा उत्सुक नहीं रही हैं. पिछले 50 साल में महज 6 और 33 साल में महज 3 सीएम चेहरे राज्य को मिले हैं. इससे भी यह बात समझी जा सकती है.