कैसे खत्म हुआ 500 वर्षों का राम का वनवास? तस्वीरें कह रहीं कहानी
Abhishek Shukla
1528 से ही राम लला की जन्मभूमि विवादित रही है.
उनकी जन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ था.
साल 1885 में फैजाबाद कोर्ट में बाबरी का पहला केस पहुंचा.
तारीख थी 30 अक्टूबर 1990.लाखों कारसेवक अयोध्या पहुंचे. रामलला की सेवा के लिए पहुंचे कार सेवकों पर 2 नवंबर 1990 को पुलिस ने गोलियां चला दी. कई कारसेवक शहीद हो गए.
साल 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस हुआ था.
साल था 1949. तारीख 23 दिसंबर. रामलला मस्जिद के भीतर विराजमान हुए. इस्लामिक संगठनों ने आपत्ति जताई थी. 1984 के बाद से ही राम मंदिर आंदोलन तेज हो गया.
भारत के इतिहास में 9 नवंबर 2019 की तारीख याद रहेगी. 1528 में हुए कांड का अध्याय समाप्त हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि की पूरी 2.77 एकड़ जमीन रामलला को दे दी.
5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन्मभूमि का भूमि पूजन किया.
22 जनवरी 2024 को रामलला अपने गर्भगृह में विराज गए.