ट्रेन एक्सीडेंट होने पर इस कोच के यात्री होते हैं ज्यादा सेफ
Kavita Mishra
भारत में आए ट्रेन एक्सीडेंट की खबरें आती रहती हैं. हाल में ही बिहार के बक्सर में हुए रेल हादसे में 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई.
हादसा इतना भीषण था कि 36 घंटे बाद भी उस ट्रैक पर रेल का परिचालन शुरू नहीं हो सका है. जांच के दौरान रेल की पटरी कई जगहों पर टूटी मिली है. इससे ट्रैक से छेड़छाड़ की संभावना जताई जा रही है.
क्या आप जानते हैं कि ट्रेन हादसे में किन कोच को कम और किनको ज्यादा नुकसान पहुंचता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि ट्रेन एक्सीडेंट होने पर किस कोच के यात्री सबसे ज्यादा सेफ होते हैं.
ट्रेन में यात्रा करते समय हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए क्योंकि कोई भी नहीं जानता कि किस समय क्या हो जाए.
जब भी ट्रेन में कोई ट्रेन आगे से या फिर पीछे से टकराती है तो सबसे पहले और ज्यादा इंपैक्ट जनरल कोच को ही पड़ता है. ट्रेन डीरेल होकर दूसरी ट्रेन से टकराती है तो भी सबसे ज्यादा नुकसान पहले जनरल डिब्बों को ही पहुंचता है.
किसी भी ट्रेन में हादसे में वैसे तो पूरी ट्रेन को ही नुकसान पहुंचता है और इससे सभी यात्री कहीं न कहीं प्रभावित होते हैं. ऐसे में कुछ ऐसे भी डिब्बे होते हैं, जिनमें अन्य डिब्बों की तुलना में नुकसान होने की संभावना कम होती है.
ये कोच हैं एसी कोच. एसी कोच को सुरक्षित इसलिए कह सकते हैं कि ये ट्रेन के बीच में होते हैं. अगर कोई ट्रेन सामने से टकराती है तो एसी कोच में इसका असर जनरल डिब्बों की तुलना में कम ही पहुंचेगा.
एसी कोच में जनरल और स्लीपर कोच की तुलना में भीड़ भी कम होती है. इससे नुकसान भी कम होने की संभावना होती है.
किसी भी ट्रेन हादसे में सबसे ज्यादा सुरक्षित रहने की संभावना तभी रहती है अगर आप लोगों के बीच में बैठे हैं.