Oct 1, 2023, 08:20 AM IST

कभी चूड़ी बेचने वाले ने IAS बनकर बदल दी किस्मत

DNA WEB DESK

IAS रमेश घोलप की कहानी काफी रोमांचक और प्रेरणादायक है

साल 2012 में आईएएस बने रमेश घोलप एक समय पर अपनी मां के साथ चूड़ियां बेचते थे

शारीरिक रूप से दिव्यांग रमेश घोलप एक समय इतने गरीब थे कि मुश्किल से परिवार चलता था

अपने ही पिता के अंतिम संस्कार में पहुंचने के लिए बस से नहीं जा पाए थे रमेश घोलप

दिव्यागों के लिए बस का किराया 2 रुपये था लेकिन रमेश के पास तब 2 रुपये भी नहीं थे

रमेश महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं और लोग उन्हें प्यार से रामू कहते हैं

पैसों की कमी से जूझने वाले रमेश ने UPSC की तैयारी भी बिना किसी कोचिंग के की थी

रमेश घोलप के पिता साइकिल पंचर की दुकान चलाते थे, मां चूड़ियां बेचकर चलाती थीं घर

एक सेल्फ हेल्प ग्रुप की ओर से मिले लोन की मदद से पढ़ाई करके IAS बने रमेश घोलप