Feb 24, 2024, 10:57 PM IST
कृष्ण की द्वारका में बना Sudarshan Setu Bridge क्यों है खास
Kuldeep Panwar
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका में 25 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुदर्शन सेतु का उद्घाटन करते ही एक नया रिकॉर्ड बन जाएगा.
द्वारकाधीश मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बना यह पुल भारत का सबसे लंबा सिग्नेचर ब्रिज होगा, जो केबलों के सहारे संभलेगा.
यह पुल द्वारका के ओखा को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ता है, जिससे भगवान श्रीकृष्ण के ऐतिहासिक द्वारकाधीश मंदिर जाने का सफर घट जाएगा.
द्वारकाधीश मंदिर जाने में फिलहाल 5 घंटे का समय लगता है, लेकिन 2.5 किलोमीटर लंबे सुदर्शन सेतु से यह सफर 3 घंटे में पूरा हो जाएगा.
980 करोड़ रुपये में बने सुदर्शन सेतु की नींव 2017 में पीएम मोदी ने ही रखी थी. अब तक द्वारकाधीश मंदिर जाने के लिए बोट से सफर करना पड़ता था.
ओखा से बेट द्वारका के बीच बने इस सिग्नेचर ब्रिज में 12 व्यूइंग गैलरी बनाई गई हैं, जिनसे टूरिस्ट्स कच्छ की खाड़ी का समुद्र देख पाएंगे.
सुदर्शन सेतु के फुटपाथ पर दोनों साइड में श्रीमदभागवत गीता के श्लोक और भगवान श्रीकृष्ण के चित्र लगाए गए हैं, जो इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं.
सुदर्शन सेतु के खंभों पर मोर पंख बना है, जो दूर से दिखता है. इस पुल के ऊपर से समु्द्र में सूर्यास्त का नजारा भी बेहद खूबसूरत दिखेगा.
सुदर्शन सेतु पर लगे सोलर पैनल 1 मेगावॉट बिजली उत्पादन करेंगे, जो इस पुल की लाइटिंग के अलावा ओखा गांव में भी सप्लाई होगी.
द्वारका नगरी को भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद बसाया था, जो उनके निधन के साथ ही डूब गई थी और अब भी समुद्र के अंदर मौजूद है.
मौजूदा द्वारका शहर बाद में दोबारा बसाया गया था. इसी कारण यह मुख्य द्वारकाधीश मंदिर वाले द्वीप से अलग समुद्र के किनारे पर है.
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