Aug 2, 2024, 04:58 PM IST

12 हमले, जिन्होंने बदल दिया अखंड भारत का नक्शा

Kuldeep Panwar

आपने कई बार राजनेताओं के मुंह से अखंड भारत शब्द सुना होगा. आप सोचते होंगे कि यह शब्द पाकिस्तान-बांग्लादेश को लेकर इस्तेमाल हो रहा है.

दरअसल अखंड भारत उस पुरातन भारत को कहते हैं, जो मौजूदा ईरान-इराक जैसे मिडिल ईस्ट कंट्रीज और इंडोनेशिया-मलेशिया जैसे साउथ ईस्ट कंट्रीज तक फैला था.

इतिहास में ऐसे साक्ष्य हैं कि 1200-1300 साल पहले तक इन देशों में हिंदू आबादी थी. ये सभी जंबूद्वीप (भारत का पौरोणिक नाम) का ही हिस्सा थे.

फिर ऐसा क्या हुआ, जो ये देश भारत से अलग हो गए. इसके लिए वे 12 विदेशी हमले जिम्मेदार हैं, जिनमें भारत के टुकड़े हुए या यहां के राजा बेहद कमजोर हो गए.

पहला हमला: उत्तर-पश्चिम भारत के कैकेय, कंबोज, गांधार (मौजूदा अफगानिस्तान) राज्यों पर फारस (ईरान) और यूनानी सेनाओं के आक्रमण होते रहते थे. जिनसे ये राज्य कमजोर होते चले गए. 

दूसरा हमला: सिकंदर ने 328 ईसा पूर्व में मौजूदा अफगानिस्तान पर हमला किया. पोरस ने सिकंदर को तो रोक दिया, लेकिन हमले में इस इलाके के राज्य कमजोर हो गए.

तीसरा हमला: अखंड भारत के पूर्वी छोर यानी मौजूदा बर्मा, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, जावा, सुमात्रा, कंबोडिया देश बौद्ध अनुयायी बनकर अहिंसक हो गए और फिर इस्लामी हमलावरों के कब्जे में आ गए. 

चौथा हमला: 711 ईसवीं में मुहम्मद बिन कासिम की अगुवाई में हुए हमले से मौजूदा अफगानिस्तान व पाकिस्तान के सिंध व बलूचिस्तान इलाके पर इस्लामी शासन कायम हो गया.

पांचवां हमला: गजनी के तुर्की सरदार महमूद गजनवी ने 1001 से 1026 ईसवी के बीच भारत पर 17 हमले किए, जिनमें सोमनाथ मंदिर तोड़ा गया. मुल्तान-पंजाब उसके कब्जे में आ गए.

छठा हमला: मुहम्मद गौरी ने 1175 से 1192 के बीच भारत पर लगातार हमले किए. इनमें पृथ्वीराज चौहान की हार के साथ ही दिल्ली की गद्दी पर पहली बार मुस्लिम शासक बैठा.

गौरी ने अपने गुलाम कुतुबद्दीन ऐबक को दिल्ली का सुल्तान बनाया और अगले 700 साल यानी 1857 तक के लिए भारत के शासन का केंद्र मुस्लिम शासक ही बनकर रह गए. 

सातवां हमला: समरकंद के क्रूर लुटेरे तैमूर लंग ने 1399 में भारत पर हमला किया. उसने 15 दिन तक दिल्ली में लूटपाट की. कहा जाता है कि उसके बाद दिल्ली मुर्दों का शहर रह गया था.

आठवां हमला: 1526 में भारत पर हमला कर बाबर ने मुगल सल्तनत शुरू की, जिससे अफगानिस्तान फिर भारत के नक्शे में शामिल हो गया.

नौवां हमला: 1739 में ईरान के नादिर शाह के हमले के बाद दिल्ली के मुगल बादशाह मुहम्मद शाह अकबर ने उसे अफगानिस्तान सौंप दिया.

10वां हमला: 23 जून, 1757 को प्लासी के युद्ध में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला की ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ हार ने भारत का असली नक्शा बदला.

अंग्रेजों ने 1947 तक के शासन में तिब्बत, नेपाल, भूटान और श्रीलंका को नए देश की मान्यता देकर हमेशा के लिए भारत से अलग कर दिया.

अंग्रेजों ने जाते समय 1947 में भारत का विभाजन करते हुए पाकिस्तान के रूप में हमेशा के लिए एक अलग देश खड़ा कर दिया.

11वां हमला: 1947 में विभाजन के बाद कश्मीर के महाराजा हरिसिंह के टालमटोल वाले रवैये के कारण पाकिस्तान को हमले का मौका मिला और उसने कश्मीर का एक हिस्सा कब्जा लिया.

12वां हमला: 1962 में भारत पर चीन का हमला वो आखिरी विदेशी आक्रमण है, जिसने 38,000 वर्ग किलोमीटर धरती पर चीनी कब्जे से भारतीय सीमाओं में फेरबदल कर दिया.