May 6, 2024, 02:57 PM IST

क्या थी नथ उतारने की प्रथा जिसके बिना अधूरी थी तवायफें

Smita Mugdha

इन दिनों तवायफों की जिंदगी पर बनी वेब सीरीज हीरामंडी की काफी चर्चा है. 

इस सीरीज में नथ उतराई की रस्म के बारे में काफी विस्तार से दिखाया गया है. 

आइए जानते हैं कि क्या थी यह प्रथा जिसे तवायफों की जिंदगी का प्रमुख संस्कार माना जाता है. 

दरअसल तवायफ बनने के लिए बरसों का प्रशिक्षण होता था जिसमें गीत-संगीत, मुजरा से लेकर तहजीब सिखाई जाती थी. 

जब कोई लड़की इन कलाओं में निपुण हो जाती थी तो शहर के रईसों और कद्रदानों के बीच नथ उतराई की खबर दी जाती थी.

इसके तहत तवायफ के तौर पर पहली बार अपनी कला का प्रदर्शन करती थी जिसे देखने सभी रसिक जुटते थे. 

अक्सर नवाब, जागीरदार और बेहद अमीर शख्स ऐसे मौके पर महंगी बोली लगाते थे.

सबसे महंगी बोली लगाने वाले को नथ उतारने का मौका मिलता था और उसे मालिक या साहब का नाम मिलता था. 

तवायफ की नथ उतारने का अर्थ होता था कि इसके साथ ही वह पेशे के लिए तैयार हो चुकी है.