कौन हैं वो हीरोज, जिन्होंने उत्तरकाशी टनल ऑपरेशन को बनाया सफल
Kavita Mishra
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सही-सलामत बाहर निकाल लिया गया.
इस टनल में 41 मजूदर पिछले 17 दिनों से फंसे हुए थे. इन्हें सुरक्षित बाहर निकलने के लिए हर मुमकिन प्रयास किए गए.
NDRF, SDRF, स्थानीय पुलिस, ग्रामीणों और सेना के जवानों की कड़ी मेहनत ने इन मजदूरों की जान बचाई.
आज हम आपको उन हीरोज के बारे में बताएंगे, जो इस ऑपरेशन को सफल बनाने में लगे थे.
प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स - प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स आस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं और वह भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढांचे में विशेषज्ञ हैं. डिक्स अंडरग्राउंड वर्क्स चैंबर्स, विक्टोरियन बार, ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वेस्टिगेटर्स के सदस्य हैं.
आईएएस अधिकारी नीरज खैरवाल- सिल्कयारा सुरंग ढहने की घटना का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था. वह पिछले दिनों 17 से बचाव कार्यों की देखरेख और कमान संभाल रहे थे.
क्रिस कूपर - क्रिस कूपर माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे थे. सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए क्रिस को विशेष रूप से तैनात किया गया था.
सैयद अता हसनैन- भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल और एनडीआरएफ टीम के सदस्य सैयद अता हसनैन उत्तराखंड सुरंग आपदा में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कमान संभाली थी.
राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ स्थानीय ड्रिलिंग विशेषज्ञ, पर्यावरण विशेषज्ञ, एनडीआरफ और एसडीआरएफ के सदस्यों के साथ-साथ भारतीय सेना को भी यहां तैनात किया गया था.