800 साल पहले भारत में खाया जाने वाला खाना स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर होता था.
भारत के खाने के बारे में एक पुराना ग्रंथ है जिसका नाम है मंसोलासा. इस ग्रंथ में भारत के प्राचीन समय के तरह-तरह के पकवान और पकवान बनाने की विधि के बारे में लिखा हुआ है.
उस समय के लोग ऐसा खाना पसंद करते थे जो पचाने में आसान हो और जिसे खाने में बुजुर्गों को कोई परेशानी ना हो.
इस ग्रंथ में मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने और बनाने का भी जिक्र किया गया है.
मंसोलासा के तीसरे हिस्से में खाने से जुड़े लगभग 20 चैप्टर हैं. मंसोलासा में तरह-तरह के सलाद बनाने की विधि लिखी हुई है.
आज के समय में लोग बार्बिक्यू चिकन खाना काफी पसंद करते हैं. किताब के हिसाब से उसे समय में लोग मांसाहारी भोजन में भुने चूहे और कछुए खाना पसंद करते थे.
इस ग्रंथ में मछलियों की 35 वैरायटी के बारे में लिखा हुआ है. काटने से लेकर इसे कैसे बनाया जाए इस बारे में पूरी विधि लिखी हुई है.
इन सब के साथ मीठे में गेहूं से बने डोनट, चावल के आटे से बने डोनट काले चने से बने केक का भी जिक्र है.
इस ग्रंथ में शराब के बारे में बताया गया जिसमें, अंगूर और गान्ने से बनी शराब, नारियल और खजूर से बनी शराब, समर ड्रिंक ताड़ी का भी जिक्र है.